प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स को अब अलग-अलग परीक्षाओं के लिए फॉर्म भरने और एक ही दिन दो से ज्यादा एग्जाम के डेट टकराने जैसे झंझट से निजात मिलने वाली है। साथ ही सरकारी नौकरियों के लिए अलग-अलग एजेंसी से संपर्क करने की दिक्कत भी नहीं होगी।
केंद्र सरकार ने करोड़ों छात्रों को बड़ी राहत देने की पहल करते हुए परीक्षा लेने वाली सभी एजेंसियों को मिलाकर एक कॉमन एजेंसी बनाने का फैसला लिया है। यानी यूपीएससी, एसएससी, रेलवे बोर्ड या ऐसी तमाम दूसरी एजेंसियों का विलय कर एक बड़ा समूह बनाया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे न सिर्फ करोड़ों स्टूडेंट्स को बहुत-सी दिक्कतों से मुक्ति मिलेगी, बल्कि सरकार के लिए भी केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए परीक्षाएं आयोजित करने में ज्यादा पारदर्शी सिस्टम मिलेगा।
सूत्रों के अनुसार, इस बारे में नीतिगत सहमति हो गई है और अगले कुछ दिनों में इसका औपचारिक ऐलान हो जाएगा। हर साल अलग-अलग सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली परीक्षाओं में करीब 2 करोड़ युवा शामिल होते हैं, जिनमें से लगभग 60 से 70 हजार नौकरियां हर साल निकलती हैं।