इलाहाबाद. फूलपुर लोकसभा उपचुनाव का शंखनाद नामांकन के साथ मंगलवार को हो गया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहले दिन पहले दिन 18 लोगों ने नामांकन फार्म लिया जबकि एक ने पर्चा भरा। नामांकन के पहले दिन ही बीजेपी से चार लोगों ने दावेदारी ठोकी। नामांकन 20 फरवरी तक सुबह 11 से दोपहर तीन बजे तक होगा।
फूलपुर लोकसभा उपचुनाव को लेकर सियासी घमासान शुरू हो चुका है। नामांकन के पहले दिन जबरदस्त गहमागहमी का माहौल रहा। डीएम सुहास एलवाई ने कलेक्ट्रट परिसर की सुरक्षा का जायजा लेते हुए नामांकन स्थल के आसपास सीसीटीवी, बैरिकेटिंग स्थल सहित अन्य सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। नामांकन के पहले दिन 18 में से चार ने बीजेपी के संभावित प्रत्याशी के तौर पर नामांकन फार्म लिया। बीजेपी से दावेदारी करने वालों में डाॅ0 अखिलेश द्विवेदी, विक्रम सिंह, राकेश कुमार तिवारी व कुलदीप पांडेय ने नामांकन फार्म लिया।
इनके साथ निर्दल दूसरी आजादी आंदोलन के डाॅ0 नीरज, निर्दल लालचंद कुशवाहा, भारतीय पंचायत दल की डाॅ0 आरती पटेल, भारतीय किसान सेना लोकतांत्रिक के सुरेश चंद उपाध्याय, निर्दल अभिनव श्रीवास्तव, अम्बेडकर युग पार्टी के कमला प्रसाद, निर्दल रामकुमार प्रजापति, निर्दल डाॅ0 रमेश प्रकाश वर्मा, नेशनल डेमोके्रटिक पीपुल्स फ्रंट के देवेंद्र देव गुप्ता, परिवर्तन समाज पार्टी के रईस अहमद, भारतीय कामगार पार्टी के शमशेर बहादुर पटेल व लोहिया संयुक्त समाजवादी पार्टी के रमेश ने पर्चा लिया। इसमें नामांकन के पहले दिन राष्ट्रीय अपना दल के जय सिंह यादव ने पर्चा दाखिल किया। उनकी पत्नी पूजा ने भी नामांकन फार्म लिया। वह बसपा से टिकट लेने की फिराक में हैं।
आज नामांकन नहीं लेकिन गहमागहमी
आज शिवरात्रि के कारण अवकाश का दिन है। इसके कारण आज नामांकन फार्म खरीदी और नामांकन तो नहीं होगा। लेकिन प्रमुख पार्टी प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं होने से शहर में गहमागहमी का माहौल जरूर है। फूलपुर क्षेत्र से लेकर इलाहाबाद के विभिन्न चैक चैराहों पर प्रमुख पार्टियों के घोषित होने वाले प्रत्याशियों को लेकर चर्चा गरम है।
बीजेपी के बाद खाली पड़ी यह सीट
2014 लोकसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्या ने शानदार जीत दर्ज कर बीजेपी को पहली बार फूलपुर लोकसभा सीट का तोहफा दिया था। फूलपुर सीट पर पहली बार कमल खिलाने पर केशव प्रसाद मौर्या को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। केशव के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिलने पर उन्हें डिप्टी सीएम की कमान सौंपी गई। डिप्टी सीएम की कमान संभालने पर फूलपुर लोकसभा सीट से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके साथ ही फूलपुर लोकसभा सीट खाली हो गई है।