नई दिल्ली। भले ही केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह साल 2019 में केंद्र में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने के लिए आश्वस्त हों लेकिन आरएसएस की राय इससे बिल्कुल अलग है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारतीय जनता पार्टी को नरेंद्र मोदी सरकार की घटती लोकप्रियता के प्रति सचेत किया है।
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस ने अपने विभिन्न संगठनों से फीडबैक लेने के बाद आर्थिक सुस्ती, बेरोजगारी और नौकरियां जाने, नोटबंदी की विफलता और किसानों की बदहाली जैसे मुद्दों की वजह से आम लोगों में उपजी निराशा के प्रति भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार को आगाह किया है। आरएसएस के अनुसार नरेंद्र मोदी अभी भी जनता के बीच लोकप्रिय हैं लेकिन इससे चुनावी जीत सुनिश्चित नहीं है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि संघ से जुड़े कई संगठन नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से खफा हैं। आरएसएस के एक नेता ने द टेलीग्राफ को बताया कि आम लोगों को उम्मीद थी कि मोदी सरकार के बनने के बाद ढेर साला कालाधन वापस आएगा और नोटबंदी से भी बहुत सा कालाधन सामने आएगा लेकिन ये सब नहीं हुआ जिसकी वजह से लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। आरएसएस ने मोदी सरकार के वरिष्ठ नेताओं को कहा है कि उसके कार्यकर्ताओं के अनुसार आम लोग मोदी सरकार के बारे में असुविधाजनक सवाल और बहसें कर रहे हैं।
आपको बता दें कि आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने 17 नवंबर से दिल्ली में सरकारी की आर्थिक नीतियों के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करने वाली है। साल 2015 में भरतीय मजूदर संघ ऐसा ही प्रदर्शन करने वाली थी लेकिन अंत समय में उसने इसे वापस ले लिया था।
आरएसएस ने मोदी सरकार को चेताया है कि उसे याद रखना चाहिए बीजेपी साल 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की लोकप्रियता के बावजूद लोक सभा चुनाव हार गयी थी। आरएसएस नेताओं ने हाल ही में मथुरा में तीन दिन का समन्वय कार्यक्रम किया था। माना जा रहा है कि इस बैठक में आरएसएस ने जमीनी रिपोर्टों का विश्लेषण किया।