विधानसभा चुनाव में करारी हार के चार महीने बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक बार फिर अपना रथ लेकर सूबे की सड़कों पर उतर गए हैं. नौ अगस्त यानी अगस्त क्रांति के दिन अखिलेश यादव ने अपने हताश और निराश कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने के लिए यूपी की बीजेपी सरकार के खिलाफ ‘देश बनाओ, देश बचाओ’ अभियान की शुरुआत की.
इस अभियान की शुरुआत के लिए जगह चुनी गई अयोध्या, जहां ने अपनी पहली जनसभा को संबोधित किया और कहा कि बीजेपी ने जिन झूठे वायदों के दम पर सत्ता हासिल की थी, उनकी पोल बहुत जल्दी खुलने लगी है. बुधवार को जब अखिलेश यादव लखनऊ में अपने घर से Mercedes बस में बनाए गए रथ में निकले, तो मूसलाधार बारिश के बावजूद रास्ते में उनके समर्थकों का हुजूम मौजूद था.
लखनऊ से अयोध्या के मड़ना गांव तक सवा सौ किलोमीटर के रास्ते में जगह-जगह अखिलेश यादव का स्वागत करने के लिए उनके समर्थक फूल-माला के साथ मौजूद थे. बारिश के बावजूद समर्थकों के जोश को देखकर लग रहा था कि भले ही समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में 47 सीटों पर सिमट आई हो, लेकिन अपने समर्थकों के बीच अखिलेश यादव की लोकप्रियता बरकरार है.
समर्थकों की संख्या और जोश की वजह से लखनऊ से अयोध्या तक की यात्रा रोड शो में तब्दील हो गई . अयोध्या की अपनी जनसभा में ने लोगों को BJP के वे वायदे याद कराए, जो चुनाव के दौरान उसके नेताओं ने किए थे. अखिलेश यादव ने कहा कि वह वादे झूठे थे और उनकी पोलपट्टी बहुत जल्दी खुलने लगी है.
तल्खी भरे अंदाज में अखिलेश यादव ने कहा कि गाय के नाम पर चुनाव जीतने वालों से विकास की उम्मीद मत करना. अखिलेश ने कहा कि उनकी पार्टी पिछड़ों की पार्टी कही जाती है. इसके बावजूद उन्होंने 23 महीने के भीतर लखनऊ से आगरा तक का एक्सप्रेस-वे तैयार कर दिखाया. अगर के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में दम हो, तो वह 20 महीने के भीतर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनाकर दिखाएं.
लोगों ने उस वक्त खूब ठहाके लगाए जब अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे समर्थक तो अपनी गाय के साथ सेल्फी ले सकते हैं. अगर बीजेपी के नेताओं में हिम्मत हो, तो वह अपने सांड के साथ सेल्फी लेकर दिखाएं. अखिलेश ने यूपी में 24 घंटे बिजली देने के मुख्यमंत्री योगी के दावों की भी खिल्ली उड़ाई और कहा कि चेक करो कहीं ऐसा तो नहीं सरकार बिजली दे रही हो और इंसानों की बजाए गाय-भैसों ने कनेक्शन ले लिया हो.
अखिलेश यादव लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले हैं और भले ही चुनाव अभी दूर हों, लेकिन वह अब चैन से नहीं बैठेंगे और BJP सरकार के खिलाफ अभियान चलाते रहेंगे.