नई दिल्ली (जेएनएन)। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) में नए अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के पद के लिए खींचतान चल रही है। विहिप सूत्रों के अनुसार, इस पद के लिए दो दावेदारों के आने के बाद चुनाव अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। साथ ही उन्होंने बताया कि यह असामान्य घटना है जब इस पद के लिए एक से अधिक दावेदार हैं। इस बीच विहिप के बड़े नेताओं में गिने जाने वाले कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने अपने बागी तेवर दिखाए हैं। हालांकि, इसके बावजूद संघ ने उन्हें परिषद का अध्यक्ष बने रहने दिया है।
बागी तेवर के बावजूद पद पर बने हुए हैं तोगड़िया
इस हफ्ते प्रवीण तोगड़िया पूरे दिन लापता रहे। तोगड़िया के गायब होने के समय राजस्थान और गुजरात पुलिस गिरफ्तारी का वारंट लेकर उनकी तलाश कर रही थी। हालांकि दिन के अंत में बेहोशी की हालत में मिले तोगड़िया को अस्पताल लाया गया। स्वस्थ होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर भावुक तोगड़िया ने बताया कि उनकी जान को खतरा है। उन्हें मारने की साजिश रची जा रही है।
कार्यकारी अध्यक्ष के एक से अधिक दावेदार
29 दिसंबर को भुवनेश्वर में विहिप एक्जीक्यूटिव बोर्ड व ट्रस्ट कमिटी की बैठक थी जहां नए कार्यकारी अध्यक्ष का चुनाव होना था, लेकिन उसी वक्त अजीब सी स्थिति बन गयी। सूत्रों के अनुसार, राघव रेड्डी के विरोध में हिमाचल प्रदेश के पूर्व गर्वनर व विहिप के मौजूदा अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष वी कोकजे के नाम का प्रस्ताव दिया गया। भुवनेश्वर मीटिंग में विदेश व देश के विभिन्न हिस्सों से करीब 200 ट्रस्टी ने हिस्सा लिया।
रेड्डी का यह तीसरा कार्यकाल
हैदराबाद के रेड्डी का यह लगातार तीसरा कार्यकाल है। 2011 और 2014 में उनका चुनाव सभी ट्रस्टी सदस्यों की सर्वसम्मति से हुआ था। उल्लेखनीय है कि अपने दो कार्यकालों में रेड्डी ने तोगड़िया को अंतराष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष पद के लिए नामित किया है।
टल गया चुनाव
विहिप प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार जैन ने चुनाव टलने की सूचना की पुष्टि की लेकिन इस बात से इंकार कर दिया कि अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए वोटिंग होगी। जैन ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हमेशा की तरह विहिप आगे बढ़ रहा है, संस्था में कोई दिक्कत नहीं, और सभी मिलकर काम कर रहे हैं। तोगड़िया को अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटाने के प्रयास को खारिज कर दिया।
कोकजे के अनुभवों की जरूरत
कोकजे का नाम प्रस्तावित करने वाले विहिप कार्यकारिणी पक्ष ने बताया, ‘कोकजे का नाम प्रस्तावित किया गया क्योंकि वे रिटायर जज और पूर्व गवर्नर हैं। जब सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई होगी तब उनके अनुभवों की विहिप को जरूरत पड़ सकती है।
चर्चा से तोगड़िया ने किया इंकार
इस संबध में जब तोगड़िया से संपर्क साधा गया तब उन्होंने मीटिंग व चुनाव के बारे में चर्चा से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘आंतरिक मीटिंग में क्या हुआ इसे हम सार्वजनिक नहीं करते। हम सत्ता के लिए काम नहीं कर रहे हैं, यह राजनीतिक दल नहीं है।‘ उन्होंने आगे कहा, विहिप में किसी का व्यक्तिगत, राजनीतिक हित नहीं है और यदि किसी को राजनीति में रुचि है तो वह विहिप में नहीं आ रहा है। तोगड़िया ने आगे कहा कि संघ के मार्गदर्शन व नेतृत्व के साथ विहिप काम करेगा। ‘संघ मेरी संस्था है… मैं आरएसएस के प्रत्येक दिशानिर्देश का अनुसरण करुंगा।‘
कोकजे ने कहा-
मीटिंग के बारे में कोकजे ने कहा, सर्वसम्मति बनाने के लिए चर्चा की गयी और वहां कोई चुनाव नहीं था। वहां कई विकल्प थे, बाद में इसके लिए अगले हफ्ते के लिए टाल दिया गया। उनकी उम्मीदवारी के बारे में पूछने पर कोकजे ने कहा, इसके लिए कई नाम प्रस्तावित हैं। दो साल से मैं उपाध्यक्ष रहा हूं, कोई मेरे बारे में भी सोच सकता है। किसी एक को अनेकों कार्यकाल के लिए जारी नहीं रख सकते। कोकजे ने आगे कहा कि तोगड़िया को अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित नहीं किया गया था क्योंकि वे कार्यकारी अध्यक्ष हैं। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विभिन्न विचारों के पैदा होने की बात कहते हुए उन्होंने बताया, ‘ये संघ की संस्था है मतभेद हो सकते हैं, मनभेद नहीं होते वहां।‘