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Tuesday, February 18, 2025

1 अप्रैल से नहीं, 1 जनवरी से शुरू हो वित्त वर्ष, संसदीय समिति ने की सिफारिश

नई दिल्ली, एजेंसी । मोदी सरकार आपकी जिंदगी में एक और बड़ा बदलाव करने जा रही है। आम बजट की तारीख को बदलना और रेल बजट को बजट में विलय करने के बाद सरकार वित्त वर्ष की तारीख को बदलने की भी तैयारी कर रही है।

इसके लिए जहां एक तरफ संसद की एक समिति ने सिफारिश की है तो दूसरी तरफ सरकार ने भी जनता से सुझाव मांगे हैं। देश में वित्त वर्ष का समय जल्द बदलने वाला है। संसद की एक समिति ने सरकार से सिफारिश की है कि वित्त वर्ष का समय 1 अप्रैल-31 मार्च के बजाए 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक लागू किया जाए। समिति ने सरकार से कहा है कि अंग्रेजों के समय से शुरू की गई प्रथा को जल्द से जल्द बदला जाए।

तो बदल जाएगा बहुत सारी चीजें

वित्त मंत्रालय से जुड़ी वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में संसदीय समिति ने सिफारिश की है 1867 से जारी प्रथा को बदला जाए। अगर वित्त वर्ष में बदलाव होता है तो आम आदमी के साथ-साथ सरकार के कार्य करने के तरीके में बदलाव हो जाएगा।

इससे बजट पेश करने की तारीख में बदलाव होगा, आयकर रिटर्न फाइल करने की तारीख और कंपनियों के वित्त वर्ष में भी बदलाव करना होगा। वित्त मंत्रालय के अलावा सभी मंत्रालयों को भी सारे खर्च 31 दिसंबर से पहले-पहले करना होगा।

30 साल पहले भी दिया गया सुझाव

1985 में राजीव गांधी की सरकार में एल के झा की अध्यक्षता में बनी समिति ने भी वित्त वर्ष को बदलने का सुझाव दिया था, लेकिन इसको खारिज कर दिया गया था। अब सरकार इसको बदलना चाहती है, जिस तरह से बजट पेश करने की तारीख को बदला गया था।

पीएम मोदी ने मांगे जनता से सुझाव

पीएम मोदी ने वित्त वर्ष में बदलाव करने के लिए जनता से भी सुझाव मांगे हैं। इसके लिए पीएम मोदी ने सरकार की वेबसाइट mygov.in पर एक फोरम शुरू किया है जिसमें आम जनता से टिप्पणी और सूचनाएं मांगी गई हैं। इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष के मूल्यांकन, कृषि, कारोबार और कर प्रणाली पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताने के लिए कहा गया है।

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