नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से अमान्य करार दिए गए पुराने 500 और 1000 रुपये के 10 से ज्यादा नोटों को रखने पर आपको कम से कम 10,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है। शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से लोकसभा में पेश किए गए नोटबंदी विधेयक में यह प्रस्ताव है। बिल के मुताबिक ‘समानांतर अर्थव्यवस्था चलने की संभावना’ को रोकने के लिए यह प्रावधान जोड़ा गया है। यह विधेयक 30 दिसंबर को नोटबंदी को लेकर जारी किए गए अध्यादेश की जगह लेगा।
इस विधेयक में 9 नवंबर से 30 दिसंबर के दौरान देश से बाहर रहने वाले लोगों की ओर से गलत घोषणा पर न्यूनतम 50 हजार रुपये के फाइन का भी प्रस्ताव है। आरबीआई ने ऐसे लोगों को 31 मार्च तक पुराने नोट केंद्रीय बैंक की शाखाओं में जमा कराने की छूट दी है। एक बार संसद से इस विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद किसी व्यक्ति के पास यदि 10 से ज्यादा पुराने नोट पाए जाते हैं तो उस पर 10,000 रुपये या पाई गई राशि का 5 गुना तक, जो अधिक होगा, जुर्माना हो सकता है। हालांकि रिसर्च या स्टडी के मकसद से 25 नोट रखे जा सकते हैं।
विनिर्दिष्ट बैंक नोट (देनदारियों की समाप्ति) विधेयक, 2017 सरकार और रिजर्व बैंक की पुराने नोटों के प्रति जवाबदेही को समाप्त करता है। जैसे ही वित्तमंत्री विधेयक को पेश करने के लिए सदन में खड़े हुए, तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत रॉय ने उनका विरोध किया। उन्होंने इस विधेयक को ‘अवैध’ बताया। सदन में इसे लेकर जुबानी जंग भी हुई।
वित्त मंत्री अरुण जेटली और तृणमूल कांग्रेस के नेता ने इस मुद्दे को लेकर एक दूसरे पर हमला बोला। रॉय ने कहा, ‘यह विधेयक वास्तविक रूप से अवैध है, क्योंकि प्रधानमंत्री का नोटबंदी पर मूलभूत बयान बिना किसी अधिसूचना के अवैध रूप से 8 नवंबर को आया था। इसे लेकर संसद को कोई जानकारी नहीं दी गई थी।’
हालांकि, जेटली ने सदस्य के कई कारणों से गलत होने की बात कही। जेटली ने कहा, ‘एक विधेयक का विरोध दो आधार पर किया जा सकता है-एक कि सदन के पास विधायी क्षमता नहीं हो या यह असंवैधानिक हो। उनकी आपत्ति में यह दोनों आधार नहीं है।’ उन्होंने कहा कि सरकार अपने अधिकार के तहत नोटबंदी को लागू करने में सही रही। जेटली ने कहा, ‘8 नवंबर को अधिसूचना धारा 26-2 के तहत थी, आरबीआई को आदेश पारित करने की क्षमता है।’