
इरफान शाहिद
सरकार की ज़रा सी ढील का निजी स्कूल किस तरह फायदा उठाते हैं इसका उदाहरण आपको सबसे प्रतिष्ठित और विवादित सिटी मांटेसरी स्कूल से देखने को मिल जाएगा।सरकार ने 8वी के बाद के क्लासेस को खोलने की अनुमति दे दी थी लेकिन शर्त ये थी कि जो अभिभावक चाहेंगे उन्ही के बच्चे स्कूल जाएंगे वो भी अभिभवकों की लिखित अनुमति के साथ लेकिन सीएमएस ने ऐसा कुछ भी नही किया उसने ना किसी अभिभावक के साइन लिए और ना ही किसी प्रकार का कोई फार्म ही भरवाया बल्कि उसने तो उन बच्चों के अभिभावकों को फोन कर ये धमकी दे डाली के अगर आपका बच्चा स्कूल नही आया तो वो उसका नाम काट देंगे जबकि फीस समय पर सबकी पूरी जमा है फिर धमकी का क्या आधार है ये हमारी समझ से परे है।

अब दूसरी बात वो ये के माना कि भारत मे वेक्सीन आ चुकी है लेकिन वही दूसरी तरफ कोरोना पार्ट 2 ने भी अपनी दस्तक दे दी है इस बात से भी गुरेज नही किया जा सकता अब ऐसे में अभिभावकों के मन मे भय होना लाजमी है लेकिन स्कूल वालों की धमकी का क्या मतलब है ये कौन बताएगा अफसोस इस बात का है कि सरकार सीएमएस पर कोई नकेल नही लगाती इसी लिए ऐसे निजी स्कूलों के हौसले बुलंद हैं

अभी पिछले दिनों सीएमएस ने ऐसे एग्जाम रखे जिनका फाइनल एग्जाम से कोई लेना देना नही था लेकिन डर के बावजूद कुछ बच्चे स्कूल पहुंचे उसके बाद रोज़ की क्लास चालू कर दी गई उसमे सबको जबरन बुलाना ये बच्चों की जान से खिलवाड़ नही तो और क्या है जबकि सीएमएस संस्थापक खुद इस महामारी से जंग लड़ चुके हैं।तो कहना यही है कि सरकार की छूट को लूट में तब्दील ना करिये सीएमएस वालों धमकी से ज़िन्दगी नही बचती इतना ही है तो आप लिखित दीजिये के बच्चे स्कूल आये और अगर बीमार हुए तो ज़िम्मेदारी आपकी होगी।
