12460 शिक्षक भर्ती मामले में कोर्ट द्वारा दी गयी नियमावली के आधार पर नियुक्ति कराने की किया गया आग्रह,,,,,,,
लखनऊ :(NOI)प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक भर्ती मामला गरमाता जा रहा है वही 69000 शिक्षकों की भर्ती में किये गये घोटाले का मामला कोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया वहीं दूसरी तरफ 12460 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने भी मोर्चा खोल दिया है, इसी
सन्दर्भ में अभ्यर्थियों की ओर से एक बार फिर हाथ पैर मारते हुये बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को एक मांग पत्र प्रस्तुत कर न्याय की गुहार लगाई गई है।प्रमुख सचिव को प्रेषित इस मांग पत्र के जरिये अवगत कराया गया है कि
12460 शिक्षक भर्ती जिसका विज्ञापन 2016 में प्रकाशित हुआ था जिसमे तत्कालीन सरकार द्वारा बहुत अनिमितताये की गई थीं, RTI के जवाब में भी कहा गया था कि 1 लाख से ज्यादा पद बेसिक विभाग में रिक्त है लेकिन उस समय की सपा सरकार ने अपने निजी लोगो के स्वार्थ के लिए उत्तर प्रदेश के 24 जनपदों को 0 कर दिया था और उन्होंने आनन फानन में भर्ती G. O जारी कर दिया था उसमे 24 जिला शून्य कर दिए गए , सपा सरकार द्वारा अधिकारियो पर दबाव बनाकर सचिव महोदय द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया जिसमें पैरा( 6 ख ) में इन जिलों के लड़कों को कही से भी आवेदन का मौका दे दिया गया था नियमावली 1981 और रूल 14 (1) को दरकिनार करते हुए जिसको बनाने की पावर सचिव बेसिक महोदय के पास नही है बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 रूल 14 (1) में साफ साफ इसका वर्णन है कि जो बच्चे जिस जिले से बीटीसी प्रशिक्षण लेते है उनको पहली प्राथमिकता दी जानी चााहिए लेकिन 12460 शिक्षक भर्ती में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा पुनः भर्ती 2018 में शुरू हुई जिसमें जिले से प्रशिक्षण प्राप्त जिला वरीयता के लगभग 5000 चयनित शिक्षकों को नियुक्ति दे दी गयी और जहा शीट नही आई थी उन जिलो के लड़कों ने आवेदन जिस जिले में किया था वहां पर पहले से जिला वाले लड़के मौजूद है वहाँ के बीटीसी के छात्रों ने न्यायालय से मदद माँगी और उनपर रोक लग गयी जिला वरीयता के आधार पर जिन 51 जिलों में सीट आयी वहाँ भी कई जिले ऐसे है जहाँ 36,36 29, 79, 72, 27, ऐसे पद आये है जिनकी मेरिट 76 तक है जिनका चयन बाहरी जनपद के लड़कों के आने से न हो पा रहा है माननीय उच्च न्यायालय की एकल पीठ द्वारा ये गलती सुधारी जा चुकीं हैं 1 नवम्बर 2018 द्वारा आदेश आ गया फिर डबल बेंच में रूल और नियमावली को 0 जनपद के बच्चो ने चैलेंज कर दिया जिसकी सुनवाई माननीय चीफ जस्टिस उत्तर प्रदेश महोदय की बेंच में हुई उनके द्वारा भी जिला वरीयता और रूल को सही बताया गया जिसका आदेश 13 जनवरी 2020 को दे दिया गया है 0 जनपद के बच्चो की अपील साथ मे सरकार ने भी अपनी अपील की है कि 6 ख को सही माना जाए जिसकी अंतिम चरण में सुनवाई चल रही है। सरकार को ध्यान देना चाहिये कि सपा सरकार ने जो जिले वालो के साथ अन्न्याय किया था नियम और रूल को ताक पर रख कर भर्ती करने का प्रयास किया था उसको भारतीय जनता पार्टी द्वारा न दोहराया जाये और न्यायसंगत कार्यवाही की जाये ये 51 जनपद के बच्चे योगी जी से गुहार लगा रहे है कि हम समाजवादी पार्टी के द्वारा किये गए अन्याय से कब न्याय पाएंगे । हमारे साथ वो अन्न्याय न किया जाए जो सपा सरकार द्वारा किया जा रहा था ।इसके पश्चात मुख्यमंत्री जी द्वारा 68500,69000, बड़ी भर्ती उत्तर प्रदेश में निकाली गई जिसमें कई बच्चो का चयन हो गया,आठ आप से निवेदन है कि किसी के साथ अन्याय न हो इसके लिए 12460 के अभ्यार्थी निवेदन करते है कि सरकार को नियंमावली और रूल से भर्ती करते हुए 51 जनपद जिला वरीयता के बच्चो के साथ न्याय करने के उपरांत जिनके जिले में शीट नही थी उनको दूसरी कॉउंसलिंग में मौका देते हुए भर्ती को पूरी करने की कृपा करें जिससे 7000 बच्चो को रोजगार मिल सके।