दीपक ठाकुर
सिटी मोंटेसरी स्कूल सरीखे कई निजी स्कूलों ने ये अनाउंसमेंट कर दी है कि 15 अक्टूबर से स्कूल ओपन हो रहे जिसमे सभी का आना अनिवार्य है इस अनाउसमेंट ने अभिभावकों और बच्चों को दहशत में ला दिया है जिसका कारण भी लाज़मी है कारण ये है कि अभी तक कोरोना की जंग से निजात नही मिल पाई है मास्क और सोशल डिस्टनसिंग के सहारे ज़िन्दगी गुज़र रही है लोग घरों से तभी निकल रहे हैं जब बेहद ज़रूरी काम हो और तो और बच्चों को बाहर जाने तक की कोई इज़ाज़त नही दे रहा ताकि उनके बच्चे सुरक्षित रहे अब ऐसे में स्कूल खुलने से बच्चे कैसे महफूज़ रहेंगे यही सवाल अभिभावकों और उनके बच्चों को दहशत में डाल रहा है।
सूत्र बता रहे हैं कि फिलहाल 15 अक्टूबर से 9 क्लास और इसके ऊपर के क्लासेस लगेंगे उसके बाद नीचे के क्लास खोलने पर कोई फैसला लिया जाएगा।सरकार ने स्कूलों से ये कहा है कि जब अभिभावक चाहेंगे बच्चा तभी स्कूल आएगा और स्कूल कहता है कि नही आओगे तो काम छूट जाएगा क्योंकि ऑनलाइन क्लास बन्द हो जाएगी तो ऐसे में मरता क्या ना करता वाली स्थिति सरकार ने ही पैदा कर दी है और एक सबसे ज़रूरी बात जो सूत्र बता रहे वो ये के स्कूल जिस फार्म पर अभिभावकों की सहमति के हस्ताक्षर लेने वाला है उसमें ये साफ लिखा होगा कि अगर स्कूल में आपके बच्चे को कोरोना या कोई भी बीमारी हुई तो उसके ज़िम्मेवार आप खुद होंगे इसका स्कूल से कोई लेना देना नही होगा मतलब साफ है कि एक बार फिर सरकार की ढिलाई स्कूलों की मनमानी को बढ़ावा देने का काम करने को उतारू होगी जो समाज के लिए गलत होगी आखिर सवाल हमारे देश के भविष्य का है जिसको सुरक्षित रखना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।