नई दिल्लीः इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू रविवार को भारत दौरे पर आ रहे हैं। पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर उन्हें एयरपोर्ट लेने जाएंगे। इजरायली पीएम करीब दो बजे भारत में पहुंचेगे। 15 साल बाद कोई इजरायली पीएम भारत दौरे पर आ रहा है, इससे पहले साल 2003 में इजरायल के तत्कालीन पीएम एरियल शेरोन आए थे। हाल ही कुछ सालों में भारत और इजराइल की दोस्ती बढ़ी है। साल 2017 में पीएम मोदी भी इजरायल दौरे पर गए थे।
इजरायली पीएम के भारत दौरे के दौरान कई मुद्दों पर बातचीत हो सकती है। बता दें, साल 2016-17 में दोनों देशों के बीच 5 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। इस साल दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने को लेकर बातचीत हो सकती है। पिछले साल स्पाइक (एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल) सौदा हो गया था हो सकता है कि दोनों देश इस पर दोबारा से बातचीत करें। 8,000 स्पाइक की खरीद दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू 14 जनवरी से 6 दिनों तक भारत में रहेंगे। इस दौरान वो दिल्ली, अहमदाबाद और मुंबई में मुख्य कार्यक्रम में रहेंगे। इसी दौरान वो भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर भारत की ओर से आयोजित प्रमुख सम्मेलन ‘रायसिना वार्ता’ में भी शिरकत करेंगे।
नेतन्याहू का भारत दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के फैसले के विरोध में संयुक्त राष्ट्र में भारत ने अमेरिका के विरोध में वोट किया था। हालांकि इस बारें में कोई बातचीत की संभावना नहीं है।
अमेरिका के खिलाफ वोट करने के प्रस्ताव के बारे में भारत में इजरायल के राजदूत डेनियल कारमॉन ने कहा, ‘मेरा मानना है कि संयुक्त राष्ट्र में एक वोट इधर-उधर होने से रिश्ता कहीं ज्यादा मजबूत है। कभी भारत इजरायल से अनुरोध करता है तो कभी इजरायल भारत से करता है। हम हमेशा उन अनुरोधों को पूरा नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह है कि हम दो देश हैं और दोनों संयुक्त राष्ट्र के सदस्य हैं।’