नई दिल्ली | दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के पार्लियामेंट बाेर्ड की बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद माैर्य, रेल राज्य मंत्री मनाेज सिन्हा, लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा के नामाें पर चर्चा हुई। हालांकि इसमें माेदी अाैर शाह की पहली पसंद के रूप में केशव माैर्य अाैर मनाेज सिन्हा बताए जा रहे हैं। इससे पहले पीएम नरेंद्र माेदी ने कार्यकर्ताअाें काे संबाेधित किया।
पीएम ने कहा कि –
मैं ऐसा प्रधानमंत्री हूं जिससे पूछा जाता है इतना काम क्यों करते हो।
हमसे गलती हो सकती है हमारे इरादे गलत नहीं।
2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होंगे, हम सपनों का भारत बनाएंगे।
पांचो राज्यों के हमारे साथी आपकी आकांक्षाओं को पूरा करेंगे।
सरकार बनती है बहुमत से चलती है सर्वमत से।
ऐसे- ऐसे चेहरे पांचों राज्यों में आपने चुनकर भेजा है जिनको कभी सुर्खियां नहीं मिलीं।
सवा सौ कऱोड़ देशवासियों के साथ बनाएंगे न्यू इंडिया।
कठोर परिश्रम से आज यहां हम पहुंचे हैं, सौगात में जीत नहीं मिली।
वोट दिया न दिया वो नतीजों तक ठीक, सरकार सबकी होती है, सबके लिए होती।
कार्यकर्ता जीत में सबसे बड़े सहभागी, उनके लिए बहुत-बहुत बधाई। शाह टीम को जीत की बधाई।
देश के मध्यम वर्ग के सपने और गरीब की ताकत मिलाना जरूरी।
मध्यमवर्ग का बोझ कम होना चाहिए।
गरीब विकसित होगा तो देश को ज्यादा आगे बढ़ाएगा।
जितना गरीबों को अवसर मिलेगा, उतना देश आगे बढ़ेगा।
हमें अधिकतम कार्य करके जनसेवा कनरी है।
आज जनता जनार्दन की आकांक्षाओं का हम जीत बने हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में भाजपा ने शानदार जीत हासिल कर इतिहास रच दिया है। 2012 में 47 सीटें जीतने वाली बीजेपी को 2017 में 325 सीटें मिली हैं। पिछले पांच साल के दौरान राज्य में बीजेपी 6 गुना बढ़ गई है। 66 सालों के दौरान ये किसी भी पार्टी की तीसरी सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले 1951 में कांग्रेस ने 430 में से 388 सीटें जीती थीं। इस बार सपा-कांग्रेस गठबंधन ने 55 सीटाें पर जीत हासिल की वहीं बसपा काे माेदी की सुनामी के चलते महज 19 सीटाें पर संतुष्ठ हाेना पड़ा। 5 निर्दलीय प्रत्याशियाें ने भी जीत हासिल की।
सीएम पद के लिए काैन सा चेहरा सबसे अागे चल रहा है…
1-राजनाथ सिंह
गृह मंत्री राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश में बीजेपी के आखिरी मुख्यमंत्री थे। साल 2002 में सत्ता गंवाने के बाद फिर पार्टी ने राज्य में कभी जीत का मुंह नहीं देखा था। फिलहाल गाजियाबाद से सांसद राजनाथ सिंह ने यूपी विधानसभा चुनाव में 120 रैलियों को संबोधित किया था। वो फिलहाल बीजेपी के सबसे सीनियर नेताओं में गिने जाते हैं और दो बार राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। कई अहम ओहदों को संभालने का अनुभव और अगड़ी जातियों का समर्थन उन्हें मजबूत दावेदार बनाता है। हालांकि ये देखना बाकी है कि क्या राजनाथ सिंह केंद्र से राज्य की सियासत में लौटना चाहेंगे?
2- केशव प्रसाद मौर्य
केशव प्रसाद मौर्य फिलहाल पार्टी की यूपी इकाई के अध्यक्ष होने के साथ फूलपुर से सांसद भी हैं। 47 साल के मौर्य प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तरह खुलकर सामने अाए अाैर कहीं न कहीं यूपी में इस भारी जीत में उनका अहम याेगदान है। कल्याण सिंह के हाशिये में चले जाने के बाद वो गैर-यादव ओबीसी तबके से बीजेपी का चेहरा हैं।
3- आदित्यनाथ
बीजेपी का कट्टरवादी हिंदू चेहरा माने जाने वाले योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर इलाके में अच्छी पकड़ है। हालांकि उन्होंने खुद कभी सीएम बनने की मंशा जाहिर नहीं की है लेकिन उनके समर्थक खुलकर ये मांग उठाते रहे हैं। उनपर आरएसएस का हाथ भले हो लेकिन बतौर सीएम चुनना 2019 के आम चुनाव में अल्पसंख्यकों से पार्टी को दूर कर सकता है।
4- मनोज सिन्हा
गाजीपुर सांसद मनोज सिन्हा केंद्र में दूरसंचार और रेलवे मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं। आईआईटी और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर चुके सिन्हा मिडल क्लास को पसंद आ सकते हैं। साफ-सुथरी छवि और पूर्वी यूपी में अच्छा-खासा जनाधार भी उनके पक्ष मे जाते हैं। इसके अलावा सिन्हा को संगठन का कुशल नेता भी माना जाता है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या बीजेपी एक ब्राह्मण नेता को मुख्यमंत्री बनाने का जोखिम उठाएगी?
पांच साल में छह गुना बढ़ी BJP
पार्टी 2012 2017 कितनी बढ़ी/घटी
BJP 47 312 600%
SP 224 47 -80%
BSP 80 19 -76%
Cong 28 7 -75%
कांग्रेस की 66 साल में सबसे खराब परफॉर्मेंस
चुनाव कांग्रेस की सीटें
2017 7
2007 22
2002 25
बीएसपी की 34 साल में सबसे खराब परफॉर्मेंस
चुनाव बसपा की सीटें
1993 67
1996 67
2017 25
पांच चुनावों के नतीजों में सबसे आगे BJP
राज्य बीजेपी की सीटें कितना पर्सेंट
यूपी 312/403 39%
पंजाब 3/117 5.4%
उत्तराखंड 57/70 46.5%
मणिपुर 20/58 36.2
गोवा 13/40 32.5
Total 405/690 58% -Winning