श्रीनगर। उरी में सेना के शिविर पर हुए हमले में एक नया चौकाने खुलासा हुआ है। पूर्व सैनिकों और रक्षा विशेषज्ञों ने दावा किया है कि यह हमला सिर्फ आतंकवादियों के बल पर नहीं किया जा सकता। इसमें पाकिस्तानी सेना का हाथ है। पूर्व सैनिकों और रक्षा विशेषज्ञों नेपाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। बता दें जम्मू एवं कश्मीर में उरी के सैन्य शिविर पर आतंकी हमले में सेना के 20 जवान शहीद हुए हैं।
अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल राज कादियान ने कहा कि यह साफ-साफ भारत पर पाकिस्तान का हमला है। केवल अकर्मण्य बने रहने का खतरा हम और अधिक दिनों तक नहीं उठा सकते हैं। भारतीय जवाबी कार्रवाई कड़ी होनी चाहिए..प्रतिकार जल्द और कड़ा होना चाहिए। जम्मू एवं कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर गहरी पकड़ रखने वाले अवकाश प्राप्त मेजर गौरव आर्या ने कहा, “जब तक हम यह नहीं समझेंगे कि जम्मू एवं कश्मीर की समस्या सिर्फ वहां की एक समस्या भर नहीं है, बल्कि रावलपिंडी स्थिति सैन्य मुख्यालय द्वारा कृत्रिम रूप से निर्मित है, तब तक हम जवाब देने में सक्षम नहीं होंगे। कादियान ने कहा कि समस्या का हल सीमा के उस पार है, न कि यहां। उन्होंने चेतावनी भी दी कि भारत की सरजमीं पर इस तरह के हमले बढ़ सकते हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना के जनरल राहील शरीफ के बीच पाकिस्तान में सत्ता संघर्ष चल रहा है। राहील नवम्बर महीने में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के मुख्यालय पर आतंकियों के हमले ने 20 भारतीय सैनिकों की जान ले ली। 20 जवानों की शहादत से पूरे देश में गुस्से की लहर है। पाकिस्तान को अंदाजा भी नहीं है इस घटना का पर्णाम क्या होने वाला है। पूरी मोदी कैबिनेट इस हमले के बाद एक सुर से कड़ी कार्रवाई के इशारे दे रही है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर तो कश्मीर पहुंच भी गए हैं।