इंदौर। 25 दिसंबर 1997 को पूरा विश्व क्रिसमस की खुशियां मना रहा था, लेकिन इंदौरियों के चेहरे पर मायूसी थी। क्रिकेट के दीवाने इस शहर में इसी दिन भारत और श्रीलंका के बीच अंतरराष्ट्रीय वन-डे मैच था।
भारतीय कप्तान सचिन तेंडुलकर थे तो श्रीलंका की कमान अर्जुन रणतुंगा के हाथों में थी। श्रीलंका की बल्लेबाजी से मैच की शुरुआत हुई और तीन ओवर बाद ही भ्रमणकारी टीम ने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम की पिच को खराब बताते हुए खेलने से इनकार कर दिया। बाद में अंपायरों ने मैच रद्द कर दिया।
मैच रैफरी की रिपोर्ट के बाद आईसीसी ने इंदौर पर प्रतिबंध लगा दिया। उस घटना के कुछ सालों बाद इंदौर से प्रतिबंध तो हटा, लेकिन श्रीलंका कभी लौटकर नहीं आई। अब ठीक 20 साल बाद उसी दिसंबर के महीने में क्रिसमस के ठीक पहले श्रीलंका फिर हमारे शहर लौट रही है।
यह इंदौर का नया दौर भी होगा क्योंकि देश को पहला कप्तान देने वाले शहर में 22 दिसंबर को होलकर स्टेडियम में पहली बार अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच होने जा रहा है। दोपहर को 2.30 बजे दोनों टीमें विशेष विमान से इंदौर आएंगी। बीसीसीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार को कोई अभ्यास सत्र नहीं है। हालांकि कुछ खिलाड़ी अभ्यास के लिए आ सकते हैं।
…तब भी अंपायर इंदौर का था, अब भी
यह रोचक संयोग है कि 20 साल पहले जब श्रीलंका ने इंदौर में वन-डे मैच खेला था तब शहर के सुधीर असनानी थर्ड अंपायर थे। इस बार भी इंदौर के नितिन मेनन बतौर थर्ड अंपायर मौजूद रहेंगे।