लखनऊ,शैलेन्द्र कुमार। आज-कल जिस तरह से इंडिया टीम अपनी फाॅर्म में है उससे बस हर एक आमदी के दिमाग में सिर्फ एक ही बात आती है, क्रिकेट यानी इंडिया टीम। जिस तरह से भारतीय टीम ने अपने पिछले टेस्ट मैचों में जबरदस्त बल्लेबाजी और गेंदबाजी के प्रदर्शन से भारत आने वाली मेहमान टीमों को हरा कर उन्हें वापस भेजा था।
उसे देख ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम अपने आप को पूरी तरह से परख चुकी है, और अब वह अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की ओर अग्रसर हो चुकी है। जहां उसके पास दूसरी टीम को पहुंचने में काफी कड़ी मेहनत करनेे की जरूरत पड़ेगी। लेकिन आॅस्ट्रेलिया टीम ने जिस तरह से भारतीय टीम को उसी की जमीं पर रौंदा है, उसे देख तो ऐसा लग रहा है कि टीम इंडिया को अपनी टीम की कमजोरियों और उनके प्रदर्शन पर
अभी भी काफी कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। बता दें कि जहां भारतीय टीम के बल्लेबाज स्पिनरों के लिए एक्सपर्ट माने जाते हैं वहीं आस्ट्रेलिया के स्पिनर ओकीफी ने इनका कड़ा इम्तिहान लिया और पूरी टीम ओकीफी के खिलाफ बल्लेबाजी में जूझती नजर आई। ओकीफी ने अकेले ही पूरी टीम इंडिया को झकझोर कर रख दिया।
और भारत के लगातार 19 मैचों के अजेय अभियान और घरेलू सरजमीें पर 20 टेस्ट मैचों के अजेय अभियान को एक झटके में ही रोक दिया। निश्चित तौर पर किसी को भी भारतीय टीम से ऐसे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी। लेकिन करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले आॅस्ट्रलियाई टीम के गेंदबाज स्टीफन ओकीफी (12) और नाथन लियोन ने अपनी फिरकी के जाल में भारतीय टीम केा ऐसा फंसाया कि वह चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले के तीसरे दिन ही अपने इतिहास की चैथी सबसे बड़ी हार झेलने पर मजबूर हो गई।
शनिवार एमसीए स्टेडियम के स्पिन ट्रैक पर भारत की पहली पारी 105 और दूसरी पारी 107 रन पर सिमट गई। और आॅस्ट्रेलिया ने अपनी विजय की शुरूआत कर भारतीय टीम को 303 रन से हरा टेस्ट सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली है। जिस तरह से भारतीय बल्लेबाजों ने प्रदर्शन किया है वह काफी अपेक्षा से काफी निराशाजनक था। भारतीय टीम ही नहीं बल्कि टीम के कप्तान और बल्लेबाज विराट कोहली का भी घरेलू मैदान में किसी भी मैच की दोनों पारियों में 13 रन बनाना सबसे खराब प्रदर्शन रहा है।
इससे पहले 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने घर में आखिरी बार भारतीय टीम टेस्ट सीरीज हारी थी। तब भी उसकी हार का कारण भी दो स्पिनर मोंटी पनेसर और ग्रीम स्वान थे। जिस तरह का प्रदर्शन आॅस्ट्रेलिया की टीम और उनके गेंदबाजों ने किया है निश्चित ही ओकीफी और लियोन के रहते हुए भारत को स्पिन पिच बनाकर मैच जीतने का ख्वाब और मंहगा पड़ सकता है।
बता दें कि भारत में भारतीय टीम को 441 रन का लक्ष्य देना आॅस्ट्रेलिया का तीसरा बड़ा लक्ष्य है। इससे पहले 2004-05 में नागपुर में 542 और बेंगलुरू में 456 का लक्ष्य दिया था। और इसी के साथ इससे पहले 07 टेस्ट लगातार आॅस्ट्रलिया ने भारत में गवाएं थे। पुणे में जीत से पहले आॅस्ट्रेलिया एशिया में लगातार नौ मैच गंवा चुकी थी।
और 1993 में आखिरी वार आॅस्ट्रेलियाई स्पिनरों ने किसी विपक्षी टीम की पारी आॅलआउट की थी। और बात भारतीय टीम की करें, तो टेस्ट में सिर्फ 444 गेंद खेलना किसी टेस्ट में सबसे कम गेंद खेलने के मामले में भारत का यह तीसरा सबसे बड़ा खराब प्रदर्शन था। और इस टेस्ट मैच में 13 बल्लेबाज एलबीडब्ल्यू आउट हुए, जो भारत में दूसरी बार हुआ।
यहां तक 212 रन भारत का अपने घर में दोनों पारियों में 20 विकेट गंवाने के बाद सबसे कम स्कोर है। उनका निम्नतम स्कोर इसी टीम के खिलाफ 1956-57 में कोलकाता में 272 रन था। भारत की पांच सबसे बड़ी हार निम्न प्रकार से हैं-
विरूद्ध हार का अंतर स्थान वर्ष
द. अफ्रीका 329 रन कोलकाता 1996
आॅस्ट्रेलिया 342 रन नागपुर 2004
पाकिस्तान 341 रन कराची 2006
आॅस्ट्रेलिया 337 रन मेलबर्न 2007
आॅस्ट्रेलिया 333 रन पुणे 2017
इस तरह से इस टेस्ट मैच में टीम इंडिया काफी खराब स्थिति में नजर आई। और मैच के तीसरे ही दिन टीम को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। बता देेे कि दूसरे दिन भारतीय क्षेत्ररक्षकों ने आॅस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ के तीन कैच छोड़े थे जिसकी बदौलत वह भारत के खिलाफ लगातार पांच टेस्ट में पांचवा और करियर का 18वां शतक लगाने में सफल हुए।
उनके 109 रनों की बदौलत मेहमान टीम ने दूसरी पारी में 285 रन बनाए। और आॅस्ट्रेलिया टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए, भारतीय टीम को 333 रनो से कड़ी मात दी है। और उन्हें याद दिलाया है कि टीम सिर्फ नाम से नहीं बल्कि प्रदर्शन और काम से जीतती है।