दीपक ठाकुर:NOI ।
उत्तर प्रदेश विद्यालय प्रबंधक एसोसिएशन की कोशिश है कि उत्तर प्रदेश के 1627 निजी प्रबंधतंत्र द्वारा चलाए जा रहे अनुसूचित बाहुल्य प्राथमिक विद्यालयों को सरकार द्वारा पुनः आवर्तक अनुदान की श्रेणी में रखा जाए जिसे समाजवादी पार्टी की सरकार ने 2012 में समाप्त कर दिया था।
इस सम्बंध में एसोसिएशन के अध्यक्ष राम नरेश भारती ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी देते हुए ये बताया है कि उनके द्वारा केंद्रीय राज्यमंत्री राम दास अठावले को15 मई 2018 को पत्र के माध्यम से अवगत कराया था
कि राज्य में 1627 ऐसे विद्यालय है जो निजी प्रबंधतंत्र द्वारा संचालित किए जा रहे हैं जिन्हें आवर्तक अनुदान की आवश्यकता है जो 1994 तक मिलती भी थी।लेकिन इसे समाप्त कर दिया गया जिससे बच्चो को अच्छी शिक्षा मुहैया कराने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
उनका कहना था कि उन्होंने केंद्रीय मंत्रीय जी को ये भी बताया कि इन विद्यालयों में तकरीबन 6 लाख अनुसूचित छात्र शिक्षा भी ग्रहण कर रहे हैं जिस ओर सरकार को देखने की आवश्यकता है।
उनका कहना था कि उनकी बात से सहमत दिखे माननीय राज्य मंत्री जी ने इसकी सूचना कैबिनट मंत्री राजनाथ सिंह जी को दी उसके पश्चात उत्तर प्रदेश सरकार ने समाज कल्याण से इस बाबत 21 जून 2018 को रिपोर्ट मांगी गई है
साथ ही आख्या प्रस्तुत किये जाने की भी बात कही है।
राम नरेश भारती ने कहा कि इसी मामले को लेकर प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों से संपर्क कर चुके हैं और सभी ने इसको लागू किये जाने संबंधी उचित कार्यवाही का आश्वासन भी दिया है।
इस मामले में सरकार के सकारात्मक रुख से एसोसिएशन काफी प्रसन्न है और वो सरकार का आभारी भी है कि सरकार ने इसके लिए अच्छी पहल की है इसके लागू होने के बाद बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने में और भी बल मिलेगा।उन्होंने इस काम के लिए केंद्र सरकार का तहे दिल से आभार व्यक्त किया साथ ही ये आशा भी जताई कि जल्द ही इस पहल पर उत्तर प्रदेश सरकार की मोहर भी लग जायेगी।
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