लखनऊ, शैलेन्द्र कुमार। उत्तर प्रदेश में चल रहे चुनाव ने अपना पिटारा कल बुधवार को सातवें चरण के मतदान के बाद बन्द कर लिया। सूबे की जनता को अब तो बस नतीजा आने का इंतिजार है कि जल्दी से नतीजा आये कि उन्होंने जिसको वोट दिया था वह पार्टी जीती है कि कोई और। और आखिर इंतिजार भी क्यों न हो। इस साल यूपी की जनता ने सर्वाधिक मतदान का रिकॉर्ड जो बनाया है।
जिस तरह से इस बार यूपी की जनता ने खुलकर और अपना कीमती समय देकर अपना अमूल्य वोट दिया है उनके इस जज्बे ने मिसाल कायम कर दी है और वह जनता यूपी वोटिंग की परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन आयी है। सूबे के चुनावी इतिहास में पहली बार जनता मतदान देने में फर्स्ट क्लास पास हुई है। 17वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में सर्वाधिक मतदान का रिकॉर्ड बना दिया।
यही नहीं प्रदेश की जनता ने मतदान में 66 साल में पहली बार प्रदेश की जनता ने मतदान के मामले में 60 फीसदी का आंकड़ा पार किया है। हालांकि सबसे कम मतदान पहली विधानसभा चुनाव के समय का है, जब जनता इतनी मुखर नहीं थी। बता दें, वर्ष 1951 में हुए चुनाव में मात्र 38.01 फीसदी मतदान हुआ था। और इस बार 2017 के 17वीं विधानसभा चुनाव में करीब 61 फीसदी लोगों ने मतदान किया है।
पिछले सालों का मतदान प्रतिशत कुछ इस प्रकार है-
वर्ष मतदान वर्ष मतदान
2012 59.40 1980 44.92
2007 45.96 1977 46.14
2002 53.80 1974 56.91
1996 55.73 1969 54.06
1993 57.13 1967 54.55
1991 48.51 1962 51.44
1989 51.43 1957 44.77
1985 45.64 1951 38.01
यही नहीं यूपी के 96.31 लाख मतदाताओं ने तो छह चरणों में ही अधिक मतदान किया। प्रदेश में विधानसभा के 16 चुनाव हो चुके हैं। इस बार जनता 17वीं विधानसभा के लिए अपने प्रतिनिधि चुन रही है। सातवें व अंतिम चरण का मतदान बुधवार को हुआ।
इससे पहले छह चरणों के चुनाव में 362 सीटों पर औसत मतदान 61.18 फीसदी रहा था। अंतिम चरण के मतदान में भी 60.03 प्रतिशत मतदान हुआ है। यह प्रतिशत शाम पांच बजे का है। फाइनल प्रतिशत आने में यह भी बढ़ेगा। और इस
चुनाव में कब कितना मतदान प्रतिशत रहा वह कुछ इस प्रकार से है-
पहला चरण (15 जिले,73 सीट) : 63.64 प्रतिशत
दूसरा चरण (11 जिले, 67 सीट) : 65.97 प्रतिशत
तीसरा चरण (12 जिले, 69 सीट) :61.35 प्रतिशत
चौथा चरण (12 जिले, 53 सीट) : 59.28 प्रतिशत
पांचवां चरण (11 जिले, 51 सीट) : 57.30 प्रतिशत
छठा चरण (7 जिले, 49 सीट) : 56.98 प्रतिशत
सातवां चरण (7 जिले, 40 सीट) : 60.03 प्रतिशत
इस प्रकार से प्रदेश की जनता ने मतदान कर अपने प्रतिनिधि का चुनाव किया है। बता दें कि इस बार के चुनाव में महिलाओं ने मतदान प्रतिशत सुधारा है। चुनाव आयोग का कहना है कि छह चरणों तक का मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव के मुकाबले महिलाओं की वजह से बढ़ा है। महिलाओं ने चुनावों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है।
2012 के चुनाव के छह चरणों तक 60.36 फीसदी महिलाओं ने हिस्सा लिया था जो 2017 में 63.26 फीसदी हो गया। जबकि पुरूषों की संख्या में पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा खास फर्क नहीं है। 2012 के चुनाव में 59.25 फीसदी पुरूषों ने मतदान किया था जो 2017 में सिर्फ 59.43 फीसदी रहा। यानी सिर्फ 0.18 प्रतिशत ज्यादा पुरूषों ने मतदान किया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी वेंकटेश कहते हैं कि यह खुशी की बात है कि सूबे में पहली बार 60 फीसदी से ऊपर मतदान हुआ है। सातवें चरण का फाइनल प्रतिशत आने के बाद इसमें थोड़ा और इजाफा होगा। छह चरणों में ही वर्ष 2012 के चुनाव के मुकाबले 96.31 लाख अधिक मतदाताओं ने इस बार मतदान किया है। इसमें 38.72 लाख पुरूष व 57.59 लाख महिलाएं शामिल हैं।
जिस तरह से यूपी की जनता ने वोटिंग का रिकॉर्ड तोड़ा है वैसे ही पार्टियों के जीतने का रिकॉर्ड भी इतिहास बनाएगा क्योंकि प्रदेश की जनता ने इतनी ज्यादा वोटिंग में भागीदारी करके बता दिया है कि उन्हें अपने लिए कैसा प्रतिनिधि चाहिए। और उसी के लिए वह वोटिंग करने भी गयी थीं।
खैर पार्टी के जीतने का पता तो नतीजा आने के बाद ही पता चलेगा पर प्रदेश की जनता ने ये जरूर बता और दिखा दिया है कि अब वह भी जागरूक हो गयी है। और अपना सही और गलत खुद तय कर सकती है, अब उसे बेवकूफ बनाना आसान नहीं है।