नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने मोबाइल फोन के जरिए जीत हासिल करने की उम्मीद जताई है। शुक्रवार को देश भर के बीजेपी सांसदों से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि 2019 का चुनाव मोबाइल पर लड़ा जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक, 2019 तक देश में 10 करोड़ से ज्यादा नए वोटर्स, 120 करोड़ मोबाइल और 73 करोड़ इंटरनेट यूजर्स होंगे। ऐसे में मोदी की ‘मोबाइल पॉलिटिक्स’ गेमचेंजर साबित हो सकती है। यूपी चुनाव में बीजेपी ने बनाई थी हाईटेक सेल…
इंटरनेट और सोशल साइट्स पर लगातार एक्टिव मोदी की नजर शायद 2019 में भी यूथ के भरोसे चुनाव जीतने की है। 2014 के चुनाव में एनडीए की जीत में सोशल साइट्स ने अहम रोल निभाया था।
बीजेपी ने यूपी चुनाव के दौरान भी लखनऊ में एक हाईटेक सेल बनाई थी। इसके जरिए केंद्र में मोदी सरकार के कामों का जमकर प्रचार किया गया।
सूत्रों के मुताबिक, इस हाईटेक सेल में 40 से 50 लोग शामिल थे और इनमें से 80% बिना किसी सैलरी के काम कर रहे थे। इनका पूरा फोकस सोशल मीडिया पर था। इस टीम ने 2014 के चुनाव के बाद से ही डाटा कम्पाइल का काम शुरू कर दिया था जिसे आगे को-ऑर्डिनेट किया जा रहा है। ये पूरा काम पेपरलेस हो रहा है।
मोदी का जोर मोबाइल पर क्यों?
देश में यूथ की संख्या और मोबाइल यूजर्स के आंकड़े मोदी के भरोसे की तस्दीक करते हैं। देश के यूथ का 88% हिस्सा कम्प्यूटर, मोबाइल और टैबलेट के जरिए सोशल साइट्स से जुड़ा है।
31 दिसंबर 2016 तक भारत में 112 करोड़ मोबाइल यूजर थे, 2019 तक यह 120 करोड़ होने का अनुमान है। मोबाइल इंटरनेट यूजर्स में पिछले साल 96% से ज्यादा ग्रोथ दर्ज की गई।
2016 में देश में मोबाइल यूजर्स 112 करोड़ हैं। 2019 में यह संख्या 120 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
2016 में देश में इंटरनेट यूजर्स 34 करोड़ हैं। 2019 में यह संख्या 72 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
सोशल साइट्स पर मोदी
फेसबुक: 4 करोड़ लाइक्स
ट्विटर: 2.85 करोड़ फॉलोअर्स। 2009 से मोदी ने अब तक 14 हजार से ज्यादा ट्वीट किए हैं।
‘भारत की विजय’ 51,000 बार रिट्वीट
2014 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद मोदी के ट्वीट ‘भारत की विजय।’ अच्छे दिन आने वाले हैं।’ को 51,000 बार रिट्वीट और 32,000 लोगों ने लाइक किया।