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Wednesday, January 22, 2025

2019 भाजपा के लिए सुरक्षित या???

इरफान शाहिद:NOI-लखनऊ:-

भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह की ऐतिहासिक जीत 2014 के लोक सभा चुनाव में हासिल की थी वो क्या 2019 में भी होगा या इस बार की तस्वीर कुछ अलग होगी इसका अंदाज़ा लगाना कठिन है

वो इसलिए क्योंकि भाजपा तो ये मान चुकी है कि 2019 में भी उसी का परचम लहराएगा शायद यही वजह भी है जो वो विरोधियों के हमले के बावजूद अपना काम किये जा रही है और अभी से 2019 की बुकिंग की ओर अग्रसर भी है।

लेकिन 2014 से अभी तक अगर देखा जाए तो देश की आम जनता भाजपा के शासन काल से ज़्यादा खुश नजर नही आ रही जिसका कारण भी कारण ये के सरकार का पहला कदम नोटबन्दी जिससे आम आदमी परेशान हुआ वो परेशान इसलिए हुआ कि वो लंबी लम्बी लाइन में लगकर अपना पैसा सुरक्षित करते दिखाई दिया वही दूसरी तरफ बैक की सेटिंग से बड़े लोगों के काम आसानी से होते रहे।

दूसरा बड़ा कदम जीएसटी जो व्यापारी वर्ग के लिए आफत बनकर आया जिसके खिलाफ धरना प्रदर्शन भी हुआ सरकार को अगली बार उखाड़ फेंकने की धमकी तक मिली तब जा कर इसमे लचीला पन लाया गया।

उसके बाद आइये एससी/एसटी,तीन तलाक़ एक्ट को लेकर सरकार की सक्रियता की तो इन दोनों मामलों में सरकार ने जो क़दम उठाया वो सराहनीय था लेकिन उससे सवर्ण समाज आहत हुआ

और मुस्लिम समुदाय भी तीन तलाक पर नाखुश नज़र आया लेकिन स्वर्ण समाज को सरकार ने लोकसभा का सत्र जाते जाते 10 प्रतिशत का इनाम दे डाला जिससे सरकार को लगा कि उनकी नाराज़गी खत्म हो गई अब इसमें सरकार की सोच कितनी सही है वो तो चुनाव बाद ही पता चलेगा।

अब बात करते हैं के आखिर देश की जनता सरकार से चाहती क्या है तो साहब जनता सुकून की ज़िंदगी चाहती है जो फिलहाल नही मिल पा रही क्योंकि आपके उज्ज्वला योजना तो दे दी पर सिलेंडर की सब्सिडी बैक के सुपुर्द कर दी जिससे जनता परेशान है क्योंकि उसका जो काम 500 मे होता वो 800 या 1000 दे कर हो रहा है सब्सिडी पहुंच भी रही है या नही इसके लिए बैंक के चक्कर काट रहा है इससे महिलाओ में नाराजगी है।दूसरा रोज़गार का ऐसा सूखा पड़ा है कि पूछिये मत आपने तमाम तरह की योजनाएं तो चलाई पर असल मे बैक ने उन योजनाओं की बैंड बजा रखी है लोन लेने जाइये तो कोई सीधे मुह बात नही करता कहता है पैसा है कहाँ जो दिया जाए और तो और इतनी फार्मेलटी बताता है कि लोन लेने की बात ही युवा भूल जाता है तो आखिर में पकोड़े बेचने वाला आपका फंडा ही समझ मे आता है।

इन तमाम बातों से तो यही लगता है कि इस बार भाजपा सरकार तो होगी लेकिन वो वर्चस्व नही रहेगा जो 2014 में था संकट इसलिए भी की उत्तर प्रदेश की 80 सीट में 40 भी मिले इसमे संदेह है क्योंकि यहां की मौजूदा सरकार हर मामले में फेल ही नज़र आ रही है आम आदमी को परेशान करना इसकी फितरत में शुमार है कानून व्यवस्था ध्वस्त है चोर लुटेरे सक्रिय है और पुलिस गाड़ियों की चेकिंग से कमाई में जुटी नज़र आती है,अतिक्रमण हटाने के नाम पर ठेलों पर डंडे बरसाती है तो बड़े दुकानदारों के समोसे खाते नज़र आती है।कुल मिलाकर वर्दी अपनी हनक में अपना ही वो काम करती दिखाई देती है जिससे उसका फायदा हो जनता की परवाह किसे है।पर आपको तो है आप सरकार हो जनता की तो इन सभी बातों पे गौर कीजिए तो जनता भी आप पर विचार करेगी।

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