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Thursday, February 20, 2025

22 march : जानें इतिहास के पन्नों में आज का दिन क्यों है ख़ास!

लखनऊ । भारत का इतिहास हमेशा से ही अपने-आप में एक मिसाल के तौर पर उभरा है, यहाँ पर होने वाली सभी गतिविधियाँ हमेशा से ही अपने साथ इन दिनों की महत्ता लेकर आते हैं। इस देश का इतिहास अपने-आप में एक मिसाल है और हमेशा ही रहेगा. इस देश का हर एक दिन इतना ख़ास रहा है कि यह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है।

ब्रिटेन और पर्शिया ने आज के दिन भारत को टेलीग्राफ से जोड़ा
1902 में आज ही के दिन अंग्रेज़ी हुकूमत व पर्शिया देश ने भारत को अपने साथ जोड़ा था। भारत को इन दोनों देशों ने टेलीग्राफ के माध्यम से जोड़ा था।
बता दें कि उस समय टेलीग्राफ एक महत्वपूर्ण महत्वपूर्व माध्यम था लोगों से जुड़ने और संबंध स्थापित करने के लिए, जिसके बाद से ही भारत ब्रिटेन व पर्शिया से जुड़ गया था।

अन्य कुछ झलकियाँ
1932 में आज ही के दिन भारतीय मुसलमानों द्वारा अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ आवाज़ उठायी गयी थी।
1942 में आज ही के दिन कांग्रेस व मुस्लिम लीग ने क्रिप्प्स मिशन ऑफर को ठुकरा दिया था।
1947 में आज ही के दिन भारत के आखिरी वाइसराय लार्ड माउंटबैटन का भारत आगमन हुआ था।
1949 में आज ही के दिन देश में कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं की शुरुआत हुई थी।
1969 में आज ही के दिन देश में पहली सरकारी पेट्रोकेमिकल संस्था का शुभारंभ हुआ था।
1993 में आज ही के दिन देश की लोकसभा में इंडियन मेडिकल काउंसिल(अमेंडमेंट बिल) व डेंटिस्ट अमेंडमेंट बिल को मंजूर किया गया था।
1996 में आज ही के दिन अमृतसर के प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर का नाम बदल कर हरमिंदर साहब रखा गया था।

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