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Tuesday, January 14, 2025

260 करोड़ की ठगी का खुलासा….दो गिरफ्तार, आरोपियों में एक मुजफ्फरनगर, तो दूसरा गाजियाबाद का निवासी

नोएडा। सैक्टर 20 क्षेत्र से स्थानीय पुलिस ने 26० करोड़ रुपये की ठगी करने वाले दो शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

पुलिस प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि गत 12 फरवरी को थाना सेक्टर 20 पर गाजियाबाद निवासी अमित किशोर जैन ने लिखित सूचना दी कि नोएडा में सेक्टर दो के बेसमेन्ट और डी-57 सेक्टर दो नोएडा में स्थित कंपनी से छह आईडी ली थी। एक आईडी के 57500 रूपये दिये थे। इस प्रकार छह आईडी के लगभग तीन लाख 50 हजार रूपये उक्त कम्पनियों द्वारा दिये गये खातों में जमा कराये गये थे। उन्होंने बताया कि कम्पनी द्वारा बताया गया था कि एक वर्ष तक एड क्लिक के लिंक के लिये छह रूपये प्रति क्लिक मिलेंगे, लेकिन कुछ समय तक तो कम्पनी द्वारा काम दिया गया और दिसम्बर माह से कम्पनी द्वारा क्लिक के लिये देने बंद कर दिये, फिर कम्पनी की वेबसाइट भी खुलना बंद हो गयी। कम्पनी द्वारा दिये गये सम्पर्क नम्बरों पर कॉल करने पर किसी ने फोन नहीं उठाया और कम्पनी की मेल आईडी पर मेल करने पर भी कोई जवाब नहीं आया। प्रवक्ता ने बताया कि कम्पनी के दिये गये पते व कम्पनी के निदेशक गाजियाबाद निवासी अनुराग गर्ग और मुजफ्फरनगर निवासी संदेश वर्मा ने मिलने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और उसके तथा उसकी पत्नी के साथ बदसलूकी की। इसके बाद कम्पनी के द्वारा उसकी आईडी ब्लाक कर दी गयी। फिर कम्पनी गया तो कम्पनी पर ताला लगा हुआ था और कम्पनी बंद हो गयी थी। इस मामले में कल पुलिस ने सूचना के आधार पर सेक्टर 20 द्वारा सूरजपुर पुलिस आफिस के पास से दोनों आरोपियों अनुराग गर्ग और संदेश वर्मा को गिरफ्तार कर लिया।
प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार अनुराग गर्ग ने बताया कि उसने मेरठ से बीबीए तक की शिक्षा प्राप्त की है तथा संदेश वर्मा ने 11वीं पास करने के बाद गुजरात के डायमण्ड इंस्टीट्यूट गुजरात से डिप्लोमा इन डायमण्ड किया है। दोनों ने मिलकर सोशल ट्रेड में काम करने की योजना बनायी और पिछले साल 11 सितम्बर को वेब वर्क ट्रेड लिंक प्राइवेट लि. नामक सोशल ट्रेड कम्पनी बनाकर बी 93 बी सेक्टर दो नोएडा में आफिस बनाया। दोनों इस कम्पनी के डायरेक्टर हैं। उसने अपनी वेबसाइट के जरिये लगभग 40 हजार पब्लिसर बनाये और इन पब्लिसरों को लगभग 69 हजार आईडी जारी की। इन पब्लिसर के साथ उसने ऑनलाइन एक एग्रीमेन्ट किया जिसमें पब्लिसर को आवंटित प्लांट के अनुसार भुगतान किया जाता है। उनके द्वारा भेजे गये लिंक से कम्पनी को कोई मुनाफा नहीं होता था। मात्र ट्रायल के रूप में वह प्रयोग कर रहे थे। विभिन्न पब्लिसरों के द्वारा जमा की गई रकम से ही उन्हें लाइक करने के एवज में भुगतान किया जा रहा है। उनके द्वारा इन पब्लिसरों से अब तक दो सौ साठ करोड रूपये की रकम इकठ्ठा  की जा चुकी है।
इसी रकम से इन्होंने अपने लिये एक ऑडी एवं मर्सिडीज कार कीमती दो करोड़ रूपये खरीदी। नोएडा पुलिस द्वारा अभियुक्तों से विस्तृत पूछताछ के लिये न्यायालय से पांच दिन पुलिस कस्टडी रिमाण्ड देने के लिये आवेदन किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि ठगी करने वाली कंपनी का बैंक बैलेंस 44 करोड़ है। उसने सर्विस टैक्स में 32 करोड, 96 लाख, 47 हजार 582 रूपये दिये, जबकि टीडीएस के रुप में 11 करोड 96 लाख, छह हजार, 970 रूपये के अलावा कर्मचारियों के वेतन के रुप में दो करोड़, 91 लाख, पांच हजार, 302 रूपये अदा किए। विज्ञापन आदि पर 141 करोड़, 15 लाख, 17 हजार, 159 रूपये, बिल्डिग खर्च के लिए छह करोड़, 75 लाख रूपये तथा 73 करोड 60 लाख रुपये अन्य खर्च किए गये।

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