होशंगाबाद। सितंबर माह में दो दिन भारत बंद होने के बाद अब भी मुसीबतें कम नहीं हुई हैं। जल्द ही एक बार फिर बंद होने वाला है। इसको लेकर तैयारी का जा रही है। पिछले दो बंद में जहां मेडीकल दुकानों को छूट दी गई थी, लेकिन इस बार मेडीकल दुकानें ही बंद रहेंगी। इस कारण लोगों की मुसीबतें काफी बढऩे वाली हैं।
इसलिए है बंद
दरअसल ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ कैमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट (एआईओसीडी) दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री का विरोध करेगी। सभी दवा विके्रता 22 सितंबर से काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। इसके बाद 28 सितंबर को अपनी दुकानें बंद रखकर केमिस्ट एकता दिवस मनाएंगे। जिला केमिस्ट संघ के जिला अध्यक्ष ब्रजेश श्रीवास्तव ने बताया कि दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री की अनुमति देने से न सिर्फ व्यवसाय पर असर होगा बल्कि लोगों के लिए भी खतरनाक होगा।
एक्ट की अनदेखी
– ऑनलाइन कंपनियां एक्ट के तहत बिना जवाबदेही के चल रही हैं और प्रिस्क्रिप्शन की सत्यता को प्रमाणित किए बिना ऑर्डर पास कर रही हैं
– एमटीपी किट्स, सिल्डेनाफिल, टाडालाफिल जैसी दवाइयां, कोडीन जैसी लत डालने वाली दवाइयां आरएमपी के प्रिस्क्रिप्शन के बगैर बेची जा रही हैं।
– अनुसूचित दवाइयां जिन्हें गायनीकोलॉजिस्ट, साइक ेट्रिस्ट आदि जैसे विशेषज्ञ डॉक्टरों के प्रिस्क्रिप्शन पर ही सप्लाई करना होता है, या तो सीधे या अयोग्य प्रेक्टीशनर्स के जरिए सप्लाई किया जा रहा है
– दवाइयों को पुराने या छेड़छाड़ किए गए प्रिस्क्रिप्शन पर बेचा जा रहा है
-हर प्रिस्क्रिप्शन पर कमीशन पाने के लिए मरीजों की जांच किए बगैर ही फर्जी ई-प्रिस्क्रिप्शन जेनरेट किया जा रहा है
-ऑनलाइन कंपनियां खुलेआम विभिन्न माध्यमों से विज्ञापन दे रही हैं जो ड्रग एक्ट की धारा 18 (सी) के प्रावधानों का उल्लंघन है। इसमें एक वैध लाइसेंस के बगैर कोई भी दवा बेचना या उसका वितरण या स्टॉक करना या उसे प्रदर्शित करना अथवा बिक्री के लिए पेशकश करना प्रतिबंधित किया गया है।
इनका कहना है
सरकार को कई बार ऑनलाइन दवा विक्री से होने वाले नुक्सानों की समझाइश दी जा चुकी है। अब बड़े स्तर पर इसका विरोध शुरू किया जाएगा। २२ से सभी केमिस्ट काली पट्टी लगाकर काम करेंगे, 28 को जिले में पूरा बंद रखेंगे।
ब्रजेश श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष दवा विक्रेता संघ होशंगाबाद