रायपुर.चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस आैर बसपा के बीच होने वाले संभावित गठबंधन को लेकर कयास भी लगने शुरु हो गए हैं। पिछले तीन चुनावों में 4 से 6 लाख वोट पाने वाली बसपा इस बार 15 सीटों पर कांग्रेस से समझौता करना चाहती है। जबकि कांग्रेस बसपा को सिर्फ 3 से 5 सीट ही देना चाह रही है।
मध्यप्रदेश में गठबंधन के बाद अब बसपा की नजरें छत्तीसगढ़ में होने वाले गठबंधन को लेकर है। छत्तीसगढ़ में गठबंधन इसलिए भी जरूरी माना जा रहा है क्योंकि पिछले विधानसभा चुनावों में जिन स्थानों पर कांग्रेस की हार हुई है वहां पर बसपा के नेताआें ने काफी वोट काटे थे। यही वोट जीत-हार में निर्णायक भूमिका में रहे हैं। इस लिहाज से कांग्रेस नेता भी गठबंधन की संभावना से इंकार नहीं कर रहे हैं। भले ही वे इसका फैसला दिल्ली से होने की बात कह रहे हों लेकिन कहीं न कहीं वे भी यह चाहते हैं कि बसपा से गठबंधन हो जाए।
मायावती ने कहा था- सम्मानजनक सीटें मिलती हैं तो उन्हें गठबंधन से कोई आपत्ति नहीं: हाल ही में बसपा नेताआें की एक बैठक राजधानी रायपुर में आयोजित की गई थी। जहां पर आगामी चुनाव के लिए रणनीति आैर गठबंधन को लेकर बातचीत हुई। पार्टी सूत्रों ने बताया कि बसपा ने अपने सुप्रीमो मायावती को अपनी रिपोर्ट भेज दी है जिसमें उन्होंने प्रदेश की 15 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है साथ ही यह भी कहा है कि यदि इन सीटों पर हमें कांग्रेस समर्थन देती है तो गठबंधन करने में कोई तकलीफ नहीं है। कुछ दिन पहले ही मायावती ने लखनऊ में यह कहा था कि यदि छत्तीसगढ़ में उन्हें सम्मानजनक सीटें मिलती हैं तो उन्हें गठबंधन से कोई आपत्ति नहीं है। वहीं दूसरी आेर कुछ दिन पहले ही कांग्रेस चुनाव अभियान समिति की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में समिति के अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने गठबंधन की संभावनाओं से इंकार नहीं करते हुए कहा था कि हम बसपा को वह पांच सीटें दे सकते हैं जहां उनका प्रभाव ज्यादा है। हालांकि उन्होंने भी कहा था कि गठबंधन का फैसला दिल्ली में ही होगा।
ये पांच सीटें बसपा को दे सकती है कांग्रेस : कांग्रेस, बसपा को जैजैपुर, पामगढ़, चंद्रपुर, अकलतरा आैर जांजगीर चांपा की सीटें दे सकती है। क्योंकि इनमें से एक सीट से वर्तमान में बसपा के विधायक हैं तो वहीं पामगढ़ आैर चंद्रपुर में दूसरे स्थान पर रहे हैं।
बसपा का प्रदर्शन : पार्टी ने साल 2003 में 54 सीटों पर चुनाव लड़ा था उनमें से दो सीटें जीते थे। उनके वोट का कुल शेयर 4.45 प्रतिशत था। तथा उन्हें कुल 4 लाख 29 हजार 334 वोट मिले थे। साल 2008 में 90 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली बसपा ने दो सीटें जीती थीं। इस बार 6 लाख 56 हजार 210 वोट पाए आैर वोट शेयर 6.11 था। इसी तरह साल 2013 में बसपा ने फिर 90 सीटों पर चुनाव लड़ा पर इस बार सिर्फ एक प्रत्याशी ही विजयी हो सका। कुल 5लाख 58 हजार 424 वोट मिले जबकि वोटों का शेयर 4.27 प्रतिशत था।
बसपा मांग रही ये 17 सीटें:दूसरी आेर बसपा नेताआें ने सुप्रीमो मायावती के पास जो रिपोर्ट भेजी है उसके मुताबिक वो 16 सीटों पर इस बार चुनाव जीतने की बात कह रहे हैं। स्थानीय बसपा नेताआें का कहना है कि यदि कांग्रेस उन्हें 10 से 15सीटें देती है तो निश्चित ही कांग्रेस के साथ गठबंधन हो सकती है। बसपा जैजैपुर, पामगढ़, चंद्रपुर, अकलतरा, जांजगीर, शक्ति, सारंगढ़, बिलाईगढ़, कसडोल, बलौदाबाजार, नवागढ़, तखतपुर, मस्तूरी, बेलतरा, मुंगेली आैर अहिवारा सीटें मांगी हैं। इन सीटों में पिछले चुनाव में बसपा को 5 हजार से 40 हजार तक वोट मिले हैं।