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Tuesday, December 3, 2024

500 की समाजवादी पेंशन योजना पर रोक, यश भारती पर कब?

उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद योगी सरकार लगातार अखिलेश यादव की पिछली सरकार की योजनाओं को बदलने और रोकने के काम में लग गई है. हाल ही में योगी सरकार ने समाजवादी पेंशन योजना को रोकने की घोषणा की है. इसके साथ ही उस योजना के पात्रों के जांच के आदेश भी दिए हैं. आपको बता दें कि अखिलेश की इस महत्वाकांक्षी योजना में लाभार्थियों को हर महीने 500 रुपए मिलने का प्रावधान है. योगी के इस फैसले के बाद सवाल उठता है कि, अगर समाजवादी पेंशन योजना पर इस सरकार को आपत्ति है तो इससे कई गुना महंगी यश भारती पर क्यों नहीं?

क्या है यश भारती
यश भारती पुरस्कार उत्तर प्रदेश सरकार का सर्वोच्च पुरस्कार है. यह पुरस्कार साहित्य, समाजसेवा, चिकित्सा, फिल्म, विज्ञान, पत्रकारिता, हस्तशिल्प, संस्कृति, शिक्षण, संगीत, नाटक, खेल, उद्योग और ज्योतिष के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले को दिया जाता है. इस पुरस्कार में प्रशस्ति पत्र, शाल और 11 लाख रुपए दिए जाते हैं. इसके अलावा आवेदन किए जाने पर प्रतिमाह पेंशन के तौर पर 50 हजार रुपए देने का भी प्रावधान है.

1994 में मुलायम ने की थी शुरुआत
यश भारती सम्माान दिए जाने की शुरुआत वर्ष 1994 में उत्तार प्रदेश के तत्काकलीन मुख्यरमंत्री मुलायम सिंह यादव ने की थी. इस सम्मान का मकसद था प्रदेश से जुड़ी कला, साहित्य, खेल, संगीत आदि विभिन्न क्षेत्र में ऐसी हस्तियों को सम्माीनित करना, जिन्होंदने देश और विदेश में प्रदेश का नाम ऊंचा किया हो. पहले यश भारती से सम्मानित होने वाली हस्तियों को 5 लाख रूपये की धनराशि दी जाती थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 11 लाख रूपये कर दिया गया था.

2016 में 71 तो 2015 में 56 को मिला यशभारती
2015 में सपा सरकार ने कुल 56 हस्तियों का सम्मान हुआ था जबकि 2016 में 71 सेलेब्रिटी इस पुरुस्कार से नवाजे गए. हालांकि उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग की ओर से साल 2016-17 में पहले सिर्फ 65 विभूतियों को यश भारती देने की घोषणा की थी.

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