साथियों माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शासन से हुई वार्ता के बाद टेट पास शिक्षामित्रों को आगामी दो अटेम्प्ट की शिक्षक भर्ती मे 2.5 प्रति बर्ष अधिकतम 25 अंक वेटेज सरकार द्वारा 21 अगस्त को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दिया जाना, तभी कुछ नान टेट शिक्षामित्रों द्वारा बनारस मे प्रधानमंत्री जी की जनसभा में विरोध करना सरकार को नागवार गुजरा और दिये गये 25 अंक के वेटेज के महत्व को समाप्त करना जबकि उक्त विरोध प्रदर्शन मे टेट पास शिक्षामित्रों की कोई सहभागिता नही रही, वह शासन के निर्देश पर समय से स्कूल जाकर शिक्षण कार्य कर रहे थे, क्योंकि उन्हें आगामी शिक्षक भर्ती मे पर्याप्त वेटेज मिलने से उनका भविष्य उज्ज्वल था, फिर भी सरकार ने उनके साथ द्वेष पूर्ण भावना से यह कदम उठाया जबकि कोई भी लोक कल्याण कारी सरकार इतनी छोटी सोच नहीं रखती, उत्तर प्रदेश शासन ने माननीय उच्चतम न्यायालय के 25 जुलाई के फैसले को दरकिनार करके इस शिक्षक भर्ती का नीति निर्माण किया है , जबकि उसी दिन कोर्ट ने एक और फैसले मे अकेडमिक मेरिट को सही माना तो दो अटेम्ट तक भर्ती प्रक्रिया में नये नियम तय करने की जरूरत क्यों? कारण सिर्फ टेट पास शिक्षामित्रों का हित प्रभावित हो, जिसके सन्दर्भ में हाईकोर्ट इलाहाबाद में सर्विस मैटर के बरिष्ठ अधिवक्ता नन्दलाल पाण्डेय व एच एन सिंह दो बरिष्ठ अधिवक्ताओं के माध्यम से सहयोगी साथियों के साथ मिलकर दो रिट तैयार कराकर फाइल कराई जा रही हैं इसके साथ ही लखनऊ खण्ड पीठ में लिखित परीक्षा के नोटिफिकेशन और भर्ती के शासनादेश को चैलेंज करने की पूरी तैयारी की जा रही है! जिसकी अग्रिम कार्यवाही से दो दिन मे अवगत करा दिया जायेगा।
*शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा व उसमे पासिंग मार्क हटाने के लिए निम्न बिन्दुओ पर सहयोगी साथियों के साथ न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जा रहा है! केस के मुख्य पहलू निम्न हैं:-*
1:- मा सुप्रीम के फैसले के क्रम मे शिक्षक भर्ती मे टेट पास शिक्षामित्रों को अकेडमिक मेरिट पर भर्ती प्रक्रिया मे मौका दिया जाये, और दो अटेम्ट की भर्ती में भर्ती के विज्ञापन मे आवेदन के वाद चयन प्रक्रिया के समय वेटेज दिया जाये।
2:- अगर सरकार गुणवत्ता के लिए लिखित परीक्षा कराना चाहती है तो भर्ती प्रक्रिया जल्द पूर्ण हो इसके लिए 40 प्रतिशत अकेडमिक मेरिट व 60 प्रतिशत टेट के नम्बरो को लेकर भर्ती की जाये!
3:- अगर सरकार लिखित परीक्षा कराना ही चाहती है तो उसमे पासिंग मार्क ना रखे, और परीक्षा ओएमआर पर वहुविकल्पीय हो, जिससे मूल्यांकन प्रभावित न हो जिससे सुचिता व पार्दशिता बनी रहेगी!
4:- भर्ती का विज्ञापन पहले जारी किया जाये और जितने भी आवेदन हो, तब उनकी बिन्दु तीन की तरह परीक्षा कराई जाये।
5:- परीक्षा का स्तर टेट जैसा हो, न कि 12th क्योंकि कला, वाणिज्य वर्ग प्रभावित होगा।
5:- संस्कृत और अंग्रेजी में विकल्प हो।
संगठन की इस कानूनी लडाई में जो भी टेट पास समर्थन की इच्छा रखते हैं, वो अपना न्यायायिक संघर्ष में सहयोग अवश्य करें क्योंकि टेट परीक्षा के बाद एक और पुनः लिखित परीक्षा औचित्य विहीन होने के साथ साथ भ्रष्टाचार के नए अवसर प्रदान करेगी। आज के डिजिटल युग में बिना कंप्यूटर के मूल्यांकन सही नही हो सकता।