7 अप्रैल से पिलाई जायेगी “दो बूँद जिंदगी की”
स्कूली बच्चों ने रैली निकाल कर किया लोगों को जागरूक
बहराइच :(अब्दुल अजीज)NOI:- जिले के सभी ब्लाकों मे स्कूली बच्चों द्वारा रैली निकाल कर आगामी 07 अप्रैल से शुरू होने वाले सघन पल्स पोलियो अभियान शुरुवात की गयी । इस मौके पर सीएमओ डॉ0 सुरेश सिंह ने बताया कि 07 से 15 अप्रैल तक चलने वाला यह अभियान इस नए वित्तीय वर्ष 2019-20 का पहला अभियान है, जिसमें 5 साल तक के लगभग 7.89 लाख बच्चों को दो बूंद ज़िंदगी की पिलाने का लक्ष्य तय किया गया है।
पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है। पोलियो वायरस से होता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। साथ ही यह वायरस जिस भी व्यक्ति में प्रवेश करता है उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है, जिसकी वजह से प्रभावित
व्यक्ति को लकवा भी हो सकता है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ0 अजीत चंद्रा ने बताया कि पोलियो की खुराक पाँच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिये अत्यंत आवश्यक है। यह दवा शिशु को जन्म होने पर तथा जन्म के छठे, दसवें व चौदहवें सप्ताह में फिर 16 से 24 माह की आयु में बूस्टर की खुराक दी जानी चाहिए। पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बार-बार खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र में इस बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, जो पोलियो के वायरस को पनपने से रोकती है।
उन्होने बताया कि पिछले चरण की तरह इस चरण मे भी जन्म से पाँच वर्ष तक के 7.89 लाख सम्भावित बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पिछले चरण में जनपद की उपलब्धि 106 प्रतिशत रही । इस चरण मे सौ प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के लिए जिले भर में 1805 बूथ बनाए गए हैं । 7 अप्रैल को बूथ स्तर पर पोलियो अभियान चलाया जाएगा। अभियान को चरणबद्ध तरीके से सफलतापूर्वक संचालित किए जाने हेतु 1168 टीमें बनायीं गयी हैं और 375 सुपरवाइजर तैनात किया गए हैं, जो 8 अप्रैल से 15 अप्रैल तक घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का काम करेंगे। ब्लाकों पर आयोजित रैली मे स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ शिक्षा विभाग एवं यूनिसेफ़ के प्रतिनिधि भी मौजूद थे |
वर्ष 2011 में पोलियो का अन्तिम प्रकरण प्राप्त हुआ था, जिसके बाद पोलियो वायरस फिर से भारत में प्रवेश न करे, इसके लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान का आयोजन हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 10 मार्च को किया गया है।
खास बात यह है कि भारत में पोलियो का अंतिम मामला 13 जनवरी 2011 को गुजरात और पश्चिम बंगाल में रिपोर्ट हुआ था। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को 27 मार्च 2014 को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया था। हालांकि पड़ोसी देश जैसे पाकिस्तान, अफगानिस्तान में फैले पोलियो के वायरस आने का खतरा बना हुआ है जिस वजह से देश में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत पल्स पोलियो अभियान के दौरान बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाती है।