28 C
Lucknow
Tuesday, December 3, 2024

बाबाओं को बढ़ावा देने में मीडिया और नेताओं की भी अहम भूमिका…

दीपक ठाकुर,न्यूज़ वन इंडिया। प्रवचन कर लोगो को कलयुग में सतयुग की अनुभूति कराने वाले बाबाओं का हमारे देश मे तां तां लगा है हजारों की भीड़ में मंच से ज्ञान की बातों की बहार और भजन से पूरा माहौल खुशनुमा और भक्तिमय बना दिया जाता है पर इस एक घण्टे या आधे घण्टे के प्रवचन के बाद इन बाबाओं की कार्यशैली क्या होती है ये ना कोई मीडिया दिखाता है और ना कोई सरकार इसका खुलासा करती है बात तब सामने आती है जब कोई पीड़ित ऐसे बाबा के काले कारनामों का काला चिट्ठा खोलता है।

बाबाओं में लोगों की बढ़ती हुई आस्था के दो प्रमुख कारण है और दोनों ही अपने मतलब के लिए दूसरों को गुमराह करने के लिए ज़िम्मेदार भी।आपने देखा होगा कि तमाम टीवी चैनल बाबाओं के प्रवचन का सजीव प्रसारण दिखाया करते हैं वो इस लिए क्योंकि चेनल को इसके एवज में मोटी रकम दी जाती है दूसरा बड़े बड़े नेता भी इसी भीड़ में जा कर बाबाओं का आशीर्वाद लेते हुए नज़र आते है जिससे देश की जनता को ये सन्देश जाता है कि ज़रूर इस बाबा में कोई बात होगी तभी नेता भी पांव छू रहे हैं और मीडिया भी उनको खूब बढ़ावा दे रहा है।बस यहीं से शुरु हो जाता है जनता के साथ धार्मिक धोखा।

यहां ये बात हमलोगों को समझनी  ज़रूरी है वो ये के कारोबार और भक्ति में अंतर होता है आप किसी बाबा का पुराना रिकार्ड पता करिये तो पता चलेगा पहले ये आम आदमी थे जो काफी संघर्ष के बीच जीवन बिता रहे थे फिर इन्हें कहीं से ये सुनने में आया कि प्रवचन करने से भक्त बनते हैं और भक्तों से धन की प्राप्ति होती है फिर क्या सभी अपनी सेटिंग से लोगों को भृमित करने के काम मे लग जाते हैं जिसके लिए मीडिया को भी मोहरा बनाया जाता है भीड़ से वोट पाने की चाह नेताओ को उनके दर पर माथा टेकने को मजबूर कर देती है और जनता हर तरफ से ठगी हुई महसूस करती है।

आपने खुद ही अभी तक देख लिया होगा कि कितने बाबाओं का क्या हश्र हुआ है कितने जैल में है तो कितनों पर केस चल रहा है।हम यहां ये भी नही कह रहे कि सभी  बाबा ऐसे ही होते हैं पर जो होते हैं उनको पहचानने की कला तो सीख लीजिये आप लोग।जो तामझाम लगा कर आपको गुमराह कर दो बोल पवित्र ग्रंथो के सुना दे उसके बारे में थोड़ी तो जानकारी रखिये,जैसे क्या थे?कहाँ के थे ?कैसे आये? परिवार में कौन कहाँ कैसा है?ये सब अगर पता कर लीजियेगा तो बाबा से पीड़ा नही पहुंचेगी क्योंकि उनसे मोह ही नही होगा।पर रही बात मीडिया और नेताओं की तो उनको तो जिसमे लाभ मिलेगा वही करेंगे।फिर भी में यहां ये कहना चाहूंगा कि मीडिया पैसा लेने के बाद उनका टेलीकास्ट भले करता है पर कोई खामी पाने पे उनकी सच्चाई भी हम तक लाने में कोई कोताही नही करता जान पर खेल कर ऐसे लोगों का पर्दा फाश किया गया है सभी जानते हैं।पर नेताओ के बहकावे में ना आया करिये क्योंकि इनको वोट मांगने की आदत सी पड़ चुकी है जिसके लिए वो कभी भी कहीं भी पहुंच ही जाते हैं।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें