काबुल। अफगान दूत ने दावा किया हैं कि सिराजुद्दीन हक्कानी और अन्य शीर्ष नेता काबुल में सुरक्षित घरों को छोड़कर कहीं और चले गए हैं। उन्होंने कहा कि कई आतंकवादी समूह अभी भी अफगानिस्तान में मौजूद हैं।
हाल ही में अमेरिका द्वारा किए गए ड्रोन हमले में अल-कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी मारा गया था। अब दावा किया जा रहा है कि इस हमले में अल कायदा के करीबी हक्कानी के परिवार के सदस्य भी मारे गए थे। यह दावा किसी और ने नहीं बल्कि खुद ताजिकिस्तान में अफगान राजदूत मोहम्मद जहीर अघबर ने किया है।
उन्होंने कहा कि 2 अगस्त को अफगानिस्तान में किए गए अमेरिकी ड्रोन हमले में हक्कानी के परिवार के सदस्य भी मारे गए थे। हक्कानी नेटवर्क जलालुद्दीन हक्कानी द्वारा स्थापित एक इस्लामी आतंकवादी संगठन है। जलालुद्दीन के बारे में कहा जाता है कि वह सोवियत विरोधी युद्ध के दौरान विद्रोही कमांडर के रूप में उभरा था।
राजदूत मोहम्मद जहीर अघबर ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि काबुल से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, हक्कानी समूह के कुछ परिवार के सदस्य भी अमेरिकी हमले में मारे गए थे। वह घर हक्कानी का था। हमले के बाद बाकी के लोग काबुल से चले गए हैं।
अफगानी दूत का यह दावा ऐसे समय में किया गया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने संबोधन में कहा था कि ड्रोन हमले में परिवार के किसी सदस्य को चोट नहीं पहुंची। अमेरिकी के राष्ट्रपति ने कहा था कि सेना के ऑपरेशन में अल-जवाहिरी के परिवार के किसी भी सदस्य को चोट नहीं आई और न ही कोई नागरिक हताहत हुआ। उन्होंने कहा इस मिशन की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई थी और अन्य नागरिकों को नुकसान के जोखिम को सख्ती से कम किया गया था। हालांकि उन्होंने अपने संबोधन में हक्कानी का जिक्र नहीं किया था।
कहा जा रहा है कि अल-कायदा नेताओं के ठिकाने का खुलासा करने में पाकिस्तान की संलिप्तता है। इसके बारे में बोलते हुए, अफगान दूत ने कहा कि चूंकि अमेरिका के पाकिस्तान के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं, इसलिए वह अफगानिस्तान के भीतर बहुत सी चीजों तक आसानी से पहुंच सकता है। राजदूत ने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है। उन समूहों की सराहना करनी चाहिए जिन्होंने अमेरिका को जवाहिरी के ठिकाने की जानकारी दी। इसने तालिबान का पर्दाफाश किया है।