नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वहां के लोग आर्थिक समस्याओं का सामना करने लगे है। हालात यह हो गए है कि पढ़े लिखे लोग मजदूरी करने को मजबूर हैं। ऐसा प्रतीत होने लगा है कि तालिबान अपने साथ अफगानियों के लिए बेरोजगारी भी लेकर आया है।
چرخهی زندهگی ذبیحالله وفا، خبرنگار پیشین خامهپرس در مرکز ولایت غور قبل از سقوط کابل و فرار اشرف غنی به دوران بود و کفاف زندهگی اش را میکرد اما تغییر وضعیت در کشور، همه چیز را برهم زد و چرخهی درآمد او همچون هزاران نانآور دیگر، متوقف شد.https://t.co/Gj6xpiXY8z
— Khaama Press (KP) (@khaama) October 1, 2021
अफगानिस्तान के 150 मीडिया संस्थान बंद हो गए है। जिसके चलते कलम छोड़कर पत्रकार अब ईंट बना रहे हैं और परिवार का पेट भरने के लिए मजदूरी कर रहे है। प्रक्षेत्र के फ्रेज कोह शहर में कभी बतौर पत्रकार करने वाले जबिउल्लाह वफा ने कलम छोड़ दिया है और अब वो अपने परिवार का पेट भरने के लिए मजदूर के तौर पर काम करते हैं और ईंट बनाते हैं। जबिउल्लाह वफा के परिवार में 10 सदस्य हैं। जबिल्लाह वफा की तरह सैकड़ों अफगानिस्तानी हैं जिनकी नौकरियां अचानक चली गईं।
न्यूज एजेंसी खामा प्रेस के मुताबिक, आर्थिक तंगी की वजह से मीडिया हाउस बंद हो गया और उनकी नौकरी चली गई। एजेंसी से बातचीत में पूर्व पत्रकार ने कहा, ‘तालिबान के आने के बाद स्थानीय मीडिया संस्थान ने मुझे नौकरी से निकाल दिया। करीब 2 महीने हो गए और वो एक अदद नौकरी के लिए तरस रहे हैं। परिवार का पालन-पोषण करने के लिए मैंने तय किया कि मैं अपने पिता के साथ ईंट बनाने का काम करूंगा।
په غور کې د خامه پرس پخوانی خبریال ذبیحالله وفا د طالبانو تر راتګ وروسته او د رسنیو مالي ستونزو له کبله دې ته اړ شوی چې مزدورکارۍ ته مخه کړي.https://t.co/swCF2ZIChe
— Khaama Press (KP) (@khaama) October 2, 2021
Degeneration of journalism, Afghan journalist making bricks to feed familyhttps://t.co/R0zk5pK9Da
— Khaama Press (KP) (@khaama) October 1, 2021
तोलो न्यूज़ के मुताबिक, तालिबान ने वहां कई पत्रकारों पर प्रतिबंध भी लगा रखा है। जिसकी वजह से मीडिया संस्थानों के कामकाज भी प्रभावित हुए हैं। एक पत्रकार ने बताया कि यहां मीडिया एडवरटाइजमेंट पर निर्भर हैं। लेकिन अभी कहीं से भी एडवरटाइजमेंट नहीं मिल रहा। ऐड नहीं मिलने की वजह से उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।