काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद लगातार की हालात खराब होते जा रहे हैं। आतंकी शिया समुदाय को लगातार निशाना बना रहे हैं। मीडिया के मुताबिक आतंकियों ने शुक्रवार को कंधार में एक मस्जिद में बम धमाका किया जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई है और 40 लोग घायल हो गए हैं। जिनमें कई की हालत नाजुक बताई जा रही है। स्थानीय न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
Eyewitnesses said three back-to-back explosions hit Imam Bargah mosque in Kandahar, one of the biggest mosques in the city, causing high casualties.#TOLOnews pic.twitter.com/Z2owaWzxrF
— TOLOnews (@TOLOnews) October 15, 2021
आतंकियों ने शिया समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर इस हमले को अंजाम दिया। यह घटना उस वक्त हुई जब लोग जुमे की नमाज पढ़ रहे थे।तालिबान सरकार के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता कारी सईद खोस्ती ने कहा कि अधिकारी इस हमले का विवरण एकत्र कर रहे हैं। यह हमला इस्लामिक स्टेट द्वारा उत्तरी शहर कुंदुज में एक शिया मस्जिद पर हुए आत्मघाती बम हमले के कुछ दिनों बाद हुआ है।
مقامهای محلی کندهار میگویند که در انفجارهای امروز در مسجد بارگاه در شهر کندهار، ۱۶ تن جان باختند و نزدیک به چهل تن دیگر زخم برداشته اند.#طلوعنیوز pic.twitter.com/UsQcjR9kmc
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धमाका उस वक्त हुआ जब इलाके के शिया मुसलमान बड़ी संख्या में नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में जमा हुए थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक तेज आवाज के साथ हुए बम धमाके के बाद मस्जिद धुएं से भर गई थी। धुंआ छंटने पर जब आसपास के लोग मस्जिद के भीतर पहुंचे तो लोगों के क्षत विक्षत शव पड़े थे।
Local officials told TOLOnews that 16 people were killed and nearly 40 others were injured in today’s bombing attack on the Kandahar mosque.#TOLOnews pic.twitter.com/s5slQpGxMJ
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गौरतलब है कि 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से अफगानिस्तान में आइएस के लगातार हमले हो रहे हैं। हाल ही में कुंदूज शहर में मस्जिद के भीतर बम विस्फोट हुआ था जिसमें 80 लोग मारे गए थे जबकि कई घायल हुए थे। आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। यही नहीं महीने की शुरुआत में काबुल में मस्जिद के प्रवेश द्वार पर बम विस्फोट हुआ था जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले 26 अगस्त काबुल एयरपोर्ट के नजदीक हुआ था जिसमें 169 अफगान और 13 अमेरिकी सैन्यकर्मी मारे गए थे।