· एएमए हर्बल 9 से 11 नवंबर तक एमिटी यूनिवर्सिटी के साथ नेचुरल डाइंग सर्टिफिकेट प्रोग्राम के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगी
· कार्यक्रम में भविष्य के फैशन पेशेवरों को स्थाई रंगों और उनके महत्व के बारे में प्रशिक्षित करेगा
लखनऊ, 8 नवंबर 2021: तेजी से बदलते फैशन ट्रेंड के दौर में, उपभोक्ता अपने वार्डरोब को हर बार रिन्यू करते रहते हैं। जिसकी वजह से वस्त्रों के उत्पादन में निरंतर वृद्धि हो रही है, साथ ही नॉन-रिन्यूएबल (गैर-नवीकरणीय) संसाधनों और निपटाने वाले उत्पादों के उपयोग में भी वृद्धि हुई है। इसी के साथ ही लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक भी हो रहे हैं। हाल के वर्षों में कपड़ा और कपड़ों के क्षेत्र में शोध के लिए स्थिरता एक लोकप्रिय विषय बन गया है। पर्यावरण के अनुकूल प्राकृतिक रंगों के बारे में जागरूक करने के लिए, एएमए हर्बल 9 नवंबर से 11 नवंबर तक एमिटी यूनिवर्सिटी के साथ एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
एएमए हर्बल के सस्टेनेबल बिजनेस अपॉर्चुनिटीज के वीपी श्री हमजा जैदी ने कहा कि “स्थिरता को बढ़ावा देने और समर्थन करने के एजेंडे को जारी रखते हुए, एएमए हर्बल एमिटी विश्वविद्यालय के साथ एकनेचुरल डाइंग सर्टिफिकेट कार्यक्रम शुरू कर रहा है। यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है जहां उद्योग और विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को पर्यावरण के अनुकूल प्राकृतिक रंगों के बारे में सिखाने के लिए एक साथ आ रहे हैं। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्राकृतिक रंगों के संक्षिप्त इतिहास, इसके विभिन्न स्रोतों और प्राकृतिक रंगों से रंगाई की विभिन्न तकनीकों का संक्षिप्त विवरण दिया जाएगा।
- एएमए हर्बल ग्रुप ऑफ कंपनीज के सह-संस्थापक और सीईओ श्री यावर अली शाह ने कहा, “टेक्सटाइल दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्रदूषक उद्योग है। वैश्विक कपड़ा उद्योग द्वारा जारी प्रदूषक पर्यावरण को लगातार अकल्पनीय नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह भूमि, जल और वायु को अत्यधिक प्रदूषित करता है। हम चाहते हैं कि हमारे भविष्य के पेशेवर उस उपलब्ध तकनीक के बारे में जानें जो टेक्सटाइल इंडस्ट्री को और अधिक स्थाई बना सकता है।”