लखनऊ। 16 साल पुराने वाराणसी सीरियल ब्लास्ट केस में आतंकी मोहम्मद वलीउल्लाह को गाजियाबाद कोर्ट ने दोषी करार देते हुए एक मामले में फांसी और दूसरे में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
कोर्ट ने संकट मोचन मंदिर परिसर में हुए बम विस्फोट के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है। इस घटना में 7 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 26 लोग घायल और अपंग हो गए थे। वहीं, दशाश्वमेध घाट पर कुकर बम से बम कांड की साजिश रचने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
गाजियाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा ने हत्या, आतंक फैलाने और विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल करने व हत्या के प्रयास के मामले में वाराणसी बम कांड में दोषी वालीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही संकट मोचन केस में दोषी पर 2.65 लाख और दशाश्वमेध घाट 1.40 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
4 जून को गाजियाबाद की जिला एवं सत्र अदालत ने मोहम्मद वल्लीउल्लाह को दोषी ठहराया था।सिलसिलेवार हुए ब्लास्ट केस के दो मामलों में जिला जज ने आतंकी वल्लीउल्लाह को दोषी माना था, जबकि एक में बरी कर दिया था। इन धमाकों में 16 लोगों की मौत हो गई थी।
आतंकी वालीउल्लाह पिछले 16 साल से डासना जेल में बंद है। सजा सुनाए जाने के बाद उसने बुजुर्ग मां और परिवार की हालत खराब होने की बात कहकर रहम की गुहार लगाई, लेकिन जज ने इससे इनकार कर दिया। वहीं वकील ने बताया कि 7 मार्च 2006 को वाराणसी के संकटमोचन मंदिर और रेलवे स्टेशन पर सीरियल ब्लास्ट हुए थे, जिसमें 16 लोगों की मौत और 76 लोग घायल हो गए थे। उसी दौरान दशाश्वमेघ घाट पर भी विस्फोटक मिले थे।
बता दें कि यूपी पुलिस ने 5 अप्रैल 2006 को प्रयागराज जिले के फूलपुर गांव निवासी मोहम्मद वलीउल्लाह को गिरफ्तार किया था।