पटना,एजेंसी-16 सितम्बर। बिहार चुनावों में पूरा दम झोंक रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सेनापति अमित शाह को चुनावों से पहले ही बड़ा झटका लगता दिख रहा है। चुनाव पूर्व हुए ओपिनियन पोल में भाजपा नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन नीतीश और लालू यादव के महागठबंधन से पिछड़ता दिख रहा है।भाजपा के लिए यह इसलिए भी बड़ा झटका है कि उसकी सबसे बड़ी उम्मीद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद बिहार के मुख्यमंत्री के मुकाबले लोकप्रियता में पिछड़ते दिख रहे हैं। एबीपी-नीलसन की ओर से सितंबर माह में कराए गए सर्वे ने एनडीए के रणनीतिकारों की नींदें उड़ा दी हैं।वोट फीसदी के मामले में भी भाजपा गठबंधन जनता परिवार के महागठबंधन के मुकाबले पीछा छूटता दिख रहा है। बिहार में 3 से 7 सितंबर के बीच हुए सर्वे में अधिकतर लोगों ने नीतीश कुमार को ही बेहतर मुख्यमंत्री माना है।
वहीं भाजपा के लिए सबसे बड़ा झटका ये भी है कि दिल्ली के चुनावों में उसे धूल चटाने वाले अरविंद केजरीवाल भी बिहार चुनावों में एक बड़ा फैक्टर बनते दिख रहे हैं। सर्वे के अनुसार 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में भाजपा गठबंधन को 118 सीटें मिलती दिख रही हैं जबकि उसके मुकाबले नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला महागठबंधन 122 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत पाता दिख रहा है।वहीं अन्य दलों को मात्र तीन सीटों से ही संतोष करना पड़ेगा। वोट फीसदी के मामले में भी भाजपा गठबंधन खासा नुकसान में दिख रहा है।
महागठबंधन को जहां 43 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई जा रही है वहीं भाजपा गठबंधन को 39 फीसदी वोट मिलने की बात कही जा रही है। भाजपा गठबंधन को सबसे ज्यादा झटका उसकी सबसे बड़ी उम्मीद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर लगा है जो लोकप्रियता के मामले में सीएम नीतीश कुमार से पिछड़े दिख रहे हैं। हैरत की बात ये है कि मई में हुए सर्वे में जहां पीएम मोदी नीतीश कुमार के 32 फीसदी के मुकाबले दोगुने 64 फीसदी लोगों की पसंद थे वहीं अब नीतीश उन्हें पीछे छोड़कर 52 फीसदी लोगों की पसंद बन गए हैं जबकि मोदी को पसंद करने वाले लोगों की संख्या 47 फीसदी ही रह गई है।