पूर्व उप-प्रधानमंंत्री लालकृष्ण आडवाणी। (फाइल फोटो)
भोपाल। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तीन दिवसीय भोपाल प्रवास पर है। देश और प्रदेश के सत्ताधारी दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे पर सियासत भी जमकर हो रही है। अब बीजेपी मप्र के कार्यालय दीनदयाल परिसर में लगी एक शिलापट्टिका को लेकर सियासत तेज हो गयी है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अमित शाह के भोपाल आने के पहले बीजेपी मप्र के नेताओं ने पार्टी मुख्यालय पर लालकृष्ण आडवाणी की शिलापट्टिका हटा दी है। कांग्रेस ने एक तस्वीर जारी करते हुए ये आरोप लगाया है। कि बीजेपी सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ की सिद्धि के लिए अपने पूर्वज नेताओं के नाम का उपयोग करती है।
कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा है कि अमित शाह के भय से वर्ष 1996 में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय भवन के उद्घाटनकर्ता वरिष्ठतम भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की लगी शिलापट्टिका हटा दी गयी है। केके मिश्रा ने आडवाणी की शिलापट्टिका हटाए जाने पर भाजपा से सवाल पूछा है कि क्या महज राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए अपने पितृ-पुरूषों का इस तरह किया जाने वाला ऐसा घिनौना अपमान ही उसकी संस्कृति, संस्कारों और ‘पार्टी-विद-ए-डिफरेंस’ की परिभाषा में निहित है ?
उन्होंने कहा कि क्या यह वे ही आडवाणी जी हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान बार-बार मप्र में विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ करने के लिए न केवल आमंत्रित करते थे, बल्कि उन्होंने ही आडवाणी को वर्ष 2014 में संपन्न लोकसभा निर्वाचन के दौरान भोपाल संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का विधिवत आमंत्रण भी दिया था।