छत्तीसगढ़ सरकार ने पक्षियों इंसानो और पर्यावरण की सुरक्षा को देखते हुए चीनी धागे और मांझे की खरीद और बिक्री पर रोक लगा दी है. सरकार की ओर से आए इस आदेश के उल्लंघन पर पांच साल की जेल, एक लाख जुर्माना या फिर दोनों सजा हो सकती है. गौरतलब है कि देश के कई हिस्सों में चीनी मांझे से इंसानों और पक्षियों की मौतें भी हुई हैं.
इन धागों की खतरनाक ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल दिल्ली में इस मांझे की चपेट में आने से कुछ लोगों को अपनी जिंदगी तक गंवानी पड़ी थी. वहीं सैकड़ों की संख्या में पक्षी भी मारे गए थे. छत्तीसगढ़ के आवास एवं पर्यावरण विभाग ने चीनी धागों की खरीद और बिक्री के मद्देनजर अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कर इसे दंडनीय अपराध करार दिया है.
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहल लगी है रोक
इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धाराओं का उपयोग करते हुए इसकी खरीद, बिक्री, उत्पादन, भण्डारण, आपूर्ति और उपयोग पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है. दरअसल इस संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी आदेश जारी किया था.
इन चीनी धागों का इस्तेमाल ज्यादातर पतंग उड़ाने के लिए किया जाता है. यह धागा और मांझा भारतीय उत्पादों की तुलना में सस्ता होता है और काफी मजबूत भी होता है. यदि इस धागे को पशु खा लें तो उनकी जान भी खतरे में पड़ सकती है. ये धागे न सिर्फ जानलेवा हैं बल्कि नॉन बायो डिग्रेडेबिल भी होते हैं यानी ऐसे धागे विघटित भी नहीं हो पाते.
पर्यावरण विभाग ने यह बात साफ तौर पर कही है कि चाइनीज धागे और मांझे इंसान और पक्षियों के साथ साथ पशुओं को भी नुकसान पहुंचाते हैं. इस नोटिफिकेशन में चाइनीज मांझे को भी परिभाषित किया गया है. इसके अनुसार चाइनीज मांझा प्लास्टिक या अन्य सिंथेटिक पदार्थो से बना पक्का धागा होता है. इसके अलावा अन्य ऐसे धागों पर भी रोक लगाई गई है जो पतले छोटे-छोटे कांच वाले शीशे, धातु या अन्य धारदार सामग्री से बने हों.