लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा के एक और बड़ा झटका लगा है। योगी सरकार के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है और सपा में शामिल हो गए है। जिसके बाद भाजपा में हलचल पैदा हो गई है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने राज्यपाल में भेजे अपने इस्तीफें में लिखा कि सीएम योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में श्रम सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है, किन्तु दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगारों, नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण यूपी के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूॅ।
दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं। pic.twitter.com/ubw4oKMK7t
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 11, 2022
स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में शामिल होने के बाद अखिलेश यादव में ट्वीट कर लिखा कि सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!
सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!
सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा#बाइसमेंबाइसिकल pic.twitter.com/BPvSK3GEDQ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 11, 2022
सूत्रों की मानें तो कुछ और विधायक भाजपा छोड़कर सपा का दामन थाम सकते है। सपा में शामिल होने के बाद कानपुर देहात से बीजेपी विधायक भगवती प्रसाद सागर, स्वामी प्रसाद मौर्य के आवास पर पहुंच गए हैं। रोशन लाल वर्मा ने तो पार्टी छोड़ने के संकेत भी दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य मेरे नेता हैं और वह जैसा कहेंगे, वैसा करूंगा। मैं इस बारे में फैसला लूंगा। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि तिलहर विधायक रोशनलाल वर्मा भी भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हो सकते हैं।
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य चार बार बीएसपी से विधायक चुने गए और पिछले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थामकर पांचवीं बार विधायक बने थे। इससे पहले वह बीएसपी सरकार में मंत्री भी रहे थे। स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघ मित्रा मौर्य भी बदायूं से भाजपा की सासंद हैं।