बिहार के सीतामढ़ी, ग्राम-नरकटिया में एक बेहद पिछड़े किसान परिवार मे “श्री पन्ना लाल चौधरी “के यहां नवल किशोर 4 नवम्बर 1979 को जन्म लिए तब किसी को नहीं पता था कि साधरण परिवार का यह लड़का आगे चलकर एक बड़ा अधिकारी बन बैठेगा। नवल के अंदर बचपन से ही जनसरोकार के लिए संघर्ष करते देखा गया.जब यह छोटे थे और कोई इनका सहपाठी स्कूल नहीं जाता था।
तो नवल जबरदस्ती उसे स्कूल ले जाते प्राथमिक शिक्षा ननिहाल के सरकारी स्कूल से ही हुई। नवल अपने नाना के पास रहकर बचपन में पढ़ाई किए, नाना के पास रहकर पढ़ने का कारण यह भी कि नवल के गांव में कोई स्कुल नहीं था। नाना खुद शिक्षक थें और नवल को पढ़ाते भी थें। नवल किशोर चौधरी अपने नाना के साथ – साथ अपने प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक श्री बृजमोहन को अपना प्रेरणास्रोत बताते हैं, बाद में नवल किशोर चौधरी में मेडिकल के क्षेत्र में दिलचस्पी देखीं गई। उन्होंने पीएमसीएच से मेडिकल की पढाई की, पढाई के उपरांत 11 सालों तक वह मेडिकल के क्षेत्र में सेवा देते रहे। इसी दौरान 2007 में उनकी शादी भी हो जाती हैं, लेकिन वो कहा जाता है कि लगन,निश्चय और मन में संकल्प हो तो आदमी कुछ भी हासिल कर सकता है। डॉक्टर रहते ही उनके गांव कूछ ऐसी घटनाएं हुई जिसने डॉक्टर नवल किशोर चौधरी को संघ लोक सेवा आयोग की तरफ मोड़ दिया।
अब समय आया इस डॉक्टर साहब को कलेक्टर साहब बनने का और साल 2013 बैच के आईएएस अधिकारी बन गए” डॉक्टर नवल किशोर चौधरी “। फिर क्या था,अनुमंडल पदाधिकारी, पर्यटन विभाग के बाद, डीडीसी सुपौल ,डीएम कैमूर और आज वह वर्तमान में गोपालगंज के डीएम के पद पर पदस्थापित है। प्रशासनिक सेवा में उनको अब तक कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। बेहतर चुनाव प्रबंधन को लेकर हाल ही में निर्वाचन आयोग के तरफ से भी सम्मानित किया गया था।
मौजूदा समय गोपालगंज जिलाधिकारी के रूप में कुशल और बेहद सक्रियता के साथ काम कर रहें हैं। जिले में पदस्थापित होने के साथ ही सदर अस्पताल के साथ साथ विभिन्न विभागों में बेहतर व्यवस्था को ले प्रयासरत दिखाई पड़े हैं। कोवीड़ महामारी के समय भी जिला प्रशासन तमाम स्तरों पर खड़ा दिखाई पड़ा है। डॉक्टर नवल किशोर चौधरी डी एम गोपालगंज के रूप में सोशल मीडिया पर भी जनसरोकारों को ले काफी सक्रिय रहते हैं। डॉक्टर नवल किशोर चौधरी अपने डीएम बनने को ले कहते की कभी किसी बच्चें पर दबाव नहीं बनाए। उसके मानसिकता,कौतूहल और जिस क्षेत्र में वो अपने आप को साबित करना चाहता है उसे करने देना चाहिए।
अभिभावक को केवल उसे बढ़ावा देना चाहिए। इसलिए मै भी मेडिकल से होते हुए आज आईएएस अधिकारी बन पाया हूं। नवल किशोर चौधरी डीएम के रुप एक मजबूत इच्छाशक्ति के साथ-साथ टीम भावना से काम करने के लिए जाने जाते हैं। इतने बड़े पद पर रहने के बाद भी बेहद सौम्य और साधारण व्यक्तिव के धनी हैं डॉक्टर नवल किशोर चौधरी। नवल कहते की हम हर दिन यहां कुछ न कुछ सीख रहे हैं.इसी सीख और समझ से और बेहतर करने की कोशिश हैं ।