नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र आज यानी सोमवार से शुरू हो गया है। देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने बजट सत्र से पहले दोनों सदनों संयुक्त रूप से संबोधित किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोरोना वायरस से उत्पन्न वैश्विक महामारी का ये तीसरा वर्ष है, इस दौरान हमने भारत के लोगों की लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था, अनुशासन और कर्तव्यपरायणता को और मजबूत होते देखा है।
उन्होंने कहा कि मैं देश के उन लाखों स्वाधीनता सेनानियों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और भारत को उसके अधिकार दिलाए। आज़ादी के इन 75 वर्षों में देश की विकास यात्रा में अपना योगदान देने वाले सभी महानुभावों का भी मैं श्रद्धा-पूर्वक स्मरण करता हूं। राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत के सामर्थ्य का प्रमाण वैक्सीनेशन प्रोग्राम में नजर आया है। हमने एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीन डोज़ लगाने का रिकॉर्ड पार किया। आज हम पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा वैक्सीन डोज़ देने वाले अग्रणी देशों में से एक हैं। उन्होंने बताया कि मेरी सरकार की संवेदनशील नीतियों के कारण देश में अब स्वास्थ्य सेवाएं जन साधारण तक आसानी से पहुंच रही हैं। 80 हजार से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स और करोड़ों की संख्या में जारी आयुष्मान भारत कार्ड से गरीबों को इलाज में मदद मिली है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 64 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से शुरू किया गया प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इनफ्रास्ट्रक्चर मिशन एक सराहनीय उदाहरण है। इससे न केवल वर्तमान की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि आने वाले संकटों के लिए भी देश को तैयार किया जा सकेगा। राष्ट्रपति ने अपने सम्बोधन के दौरान कहा कि कोरोना के इस महासंकट में हमने बड़े-बड़े देशों में खाद्यान्न की कमी और भूख की परेशानी देखी है लेकिन मेरी संवेदनशील सरकार ने इस बात का पूरा प्रयास किया कि 100 साल के इस सबसे बड़े संकट में कोई गरीब भूखा न रहे।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि डिजिटल इंडिया और डिजिटल इकॉनमी के बढ़ते प्रसार के संदर्भ में देश के UPI प्लेटफॉर्म की सफलता के लिए मैं सरकार के विज़न की प्रशंसा करूंगा। दिसबंर 2021 में देश में 8 लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा का लेन-देन UPI के माध्यम से हुआ है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार के नीतिगत निर्णय और प्रोत्साहन से विभिन्न पुलिस बलों में महिला पुलिस-कर्मियों की संख्या में, 2014 के मुकाबले दोगुनी से ज़्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है। महिला सशक्तिकरण मेरी सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में से एक है। बेटे-बेटी को समानता का दर्जा देते हुए मेरी सरकार ने महिलाओं के विवाह के लिए न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर पुरूषों के समान 21 वर्ष करने का विधेयक भी संसद में प्रस्तुत किया है।
श्री कोविंद ने कहा कि सरकार ने तीन तलाक को कानूनन अपराध घोषित कर समाज को इस कुप्रथा से मुक्त करने की शुरुआत की है। मुस्लिम महिलाओं पर केवल मेहरम के साथ ही हज यात्रा करने जैसे प्रतिबंधों को भी हटाया गया है। महिला सशक्तिकरण मेरी सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में से एक है। बेटे-बेटी को समानता का दर्जा देते हुए मेरी सरकार ने महिलाओं के विवाह के लिए न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर पुरूषों के समान 21 वर्ष करने का विधेयक भी संसद में प्रस्तुत किया है।