लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ अपने वादे के अनुसार 3 अप्रैल से विभागों का प्रेजेंटेशन लिया। करीब साढ़े 6 घंटे चले इस प्रेजेंटेशन में सीएम ने अधिकारीयों को हड़काते हुए कहा, ”राज्य की शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार की आवश्यकता है। शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास करेगी। दागी केंद्रों को चिन्हित कर उन्हें ब्लैक लिस्ट करने के साथ-साथ उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।” सबसे लंबा चला माध्यमिक शिक्षा का प्रेजेंटेशन…
माध्यमिक शिक्षा का प्रेजेंटेशन शाम 6 बजे से रात 9.30 तक चला। सूत्रों के मुताबिक, इस प्रेजेंटेशन के दौरान प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जीतेन्द्र कुमार को कई बार सीएम की झिडकी का सामना करना पड़ा। ऐसे में जब वह रात 9.30 पर मीटिंग से बाहर आए तो मीडिया के कहने के बावजूद उन्होंने किसी से कोई बात नहीं की और चुपचाप अपनी गाड़ी में बैठकर निकल गए।
बच्चों के उज्जवल भविष्य पर अधिक बल
वहीं, इसके बाद शुरू हुआ बेसिक शिक्षा विभाग का प्रेजेंटेशन मात्र एक घंटे में ख़त्म हो गया। बैठक से बाहर निकले सचिव बेसिक शिक्षा अजय सिंह ने बताया, ”सीएम के सामने अभी तक की प्रगति रिपोर्ट रखी गई है। आने वाले दिनों के लिए कार्ययोजना बनाकर दी गई है। इसमें अभी चर्चा के बाद संशोधन होगा, फिर उसे बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए लागू किया जाएगा।”
इस प्रेजेंटेशन बैठक में उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा और कृषि शिक्षा से सम्बन्धित अधिकारी और मंत्री मौजूद रहे। इन विभागों का एक-एक कर प्रेजेंटेशन देखा गया।
वहीं खबर लिखे जाने तक सीएम योगी आदित्यनाथ एनेक्सी (सीएम ऑफिस) में बैठकर विभागों का प्रेजेंटेशन ले रहे थे।
बैठक में CM ने ये दिए अधिकारीयों को निर्देश
दागी केंद्रों को चिन्हित कर उन्हें ब्लैक लिस्ट करने के साथ-साथ उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। सरकारी शिक्षकों द्वारा कोचिंग चलाने वाले ऐसे शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। विद्यालयों में अधिकतम 200 दिन के अंदर कोर्स पूरा कराया जाए। सभी विद्यालयों में शिक्षकों तथा छात्रों की नियमित उपस्थिति बायोमेट्रिक के माध्यम से मॉनिटर की जाए। पाठ्यक्रम को समयबद्धता के साथ पूरा करने के उपरान्त समय से परीक्षा तथा उसका परिणाम सुनिश्चित किया जाए।
राज्य स्तर पर एक समान पाठ्यक्रम लागू करते हुए सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के सत्रों को नियमित किया जाए। निजी स्कूलों/कॉलेजों द्वारा मनमानी फीस वसूली पर रोक लगाने के लिए नियमावली बनाने के भी निर्देश दिए हैं। आईटीआई संस्थानों में पुराने ट्रेडों को ख़त्म करके आधुनिक जरूरतों के अनुरूप नए ट्रेड शुरू करने के निर्देश दिए। 1 जुलाई से 10 तारीख के अंतराल में अध्ययनरत छात्रों को युनिफोर्म, पाठय-पुस्तकों एवं बैग का वितरण प्रत्येक दशा में सुनिश्चित हो जाए।