लखनऊ। कहते हैं राजनीति में कोई दुर्घटना नहीं होती। सब कुछ किसी न किसी तरह से योजनाबद्ध है। लेकिन क्या होता है जब उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव की एक मासूम लड़की को देश के सबसे शक्तिशाली राज्यों में से एक का मुख्यमंत्री बनने के लिए चुना जाता है? दंगल टीवी, भारत का प्रमुख एफटीए चैनल, नए शो ‘बिंदिया सरकार’ में बिंदिया की यात्रा का वर्णन करता है, जो अचानक मुख्यमंत्री बन जाती है।
शो में बिंदिया के रूप में सोनल खिलवानी के अलावा ध्रुव भंडारी, अमित बहल और अभिलाष चौधरी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। ‘बिंदिया सरकार’ उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव की एक लड़की बिंदिया की असाधारण जीवनी को बयान करेगी। बिंदिया एक शांत, मजाकिया लड़की है और जीवन में उसकी कोई वास्तविक महत्वाकांक्षा नहीं है। वह बहुत बात करती है, बहुत मददगार है और हर समस्या के लिए उसके पास ‘घरेलू नुस्खा’ है।
बिंदिया का एकमात्र सपना उसका ‘सपनों का राजकुमार’ है, जिसे वह लखनऊ में ढूंढना चाहती है। लेकिन जब वह लखनऊ पहुंचती हैं तो परिस्थितियां उस सपने को एक कड़वी हकीकत में बदल देती हैं। उसे राज्य का मुख्यमंत्री नामित कर दिया जाता है। इस शो में दर्शक बिंदिया को उसकी भूमिका के रूप में विकसित होते हुए देख सकते हैं। वह एक ऐसा जीवन जी रही है जिसके लिए उसे चुना जाता है।
शुरुआत में वह अपनी क्षमताओं और अधिकारों को समझने की कोशिश करती है और फिर बाद में अपनी जिम्मेदारी का आनंद लेना शुरू कर देती है। बिंदिया अपनी बुद्धि से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान उसी प्रकार करती है जैसे वह अपने घर की समस्याओं का समाधान करती है। ‘बड़ी-बड़ी समस्याओँ के छोटे छोटे समाधान देकर, हंसते-खेलते वो बनाएगी इस राज्य को रामराज्य।’ आकस्मिक मुख्यमंत्री की कहानी और उसे कैसे और क्यों चुना गया इसके पीछे का रहस्य जल्द ही दंगल टीवी पर प्रसारित होगा। सपनों, वास्तविकता, शक्ति और प्रेम का एक शो परिवारों हर आयु वर्ग के सदस्यों के लिए कुछ प्रदान करता है।
बिंदिया के रूप में सोनल खिलवानी
मुख्य लीडर उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से है। वह शांत है, मजाकिया है और जीवन में उसकी कोई वास्तविक महत्वाकांक्षा नहीं है। वह बहुत बात करती है, मददगार है, हर समस्या के लिए उसके पास एक घरेलु नुस्खा है। वह सपने में जीने वाली लड़की है।
अभय भारद्वाज के रूप में ध्रुव भंडारी
इसमें हीरो एक पुलिस वाला है! मुख्यमंत्री का सुरक्षा प्रमुख! वह मेहनती, कर्तव्यपरायण है,और अपने देश से प्यार करने वाला देशभक्त है। वह पढ़ा-लिखा हैऔर प्रभावशाली व्यक्तित्व का धनी है। वह गुस्सैल है और अक्सर चिढ़ जाता है। वह अपने आसपास की इस पुरुष प्रधान दुनिया का हिस्सा रहा है। वह खामियां देख सकता है, लेकिन उनके बारे में मुखर नहीं हुआ है क्योंकि वह जानता है कि उसके आसपास की महिलायें अपनी समस्याओं को अपनी नियति मान बैठी हैं, और इसलिए वह उनके जीवन को ठीक करने में अपने को असमर्थ पाता है ।
मेघा सीएम की सेक्रेटरी है, पढ़ी-लिखी लड़की है जो अभय की गर्लफ्रेंड भी है। जब बिंदिया सीएम बनती है तो मेघा उसकी सेक्रेटरी बन जाती है और हम मेघा और बिंदिया के बीच बनते अपनत्व को देख सकते हैं।
कांतिलाल भारद्वाज के रूप में अमित बहल
पेशे से एक ठेकेदार, वह राजनीतिक संपर्कों को प्रबंधित करने में विश्वास रखता है। वह अपने सभी करीबी लोगों को अच्छे पदों पर स्थापित करता रहा है ताकि उसका काम सुचारू ढंग से हो सके। वह सभी महिलाओं की उपेक्षा करता है, चाहे वह उसकी पत्नी हो या घर की बहूयें। वह चाहता है की सभी महिलाएं अनपढ़, भयभीत रहें। उसके परिवार की महिलाएं कोई राय नहीं रखती और यदि रखती भी हैं, तो उनमें इसे उजागर करने का साहस नहीं है। वह परिवार में एक सत्तावादी है और उसके द्वारा ही आज तक सभी निर्णय लिए जाते रहे हैं।