जन्मस्थान- बांभला, हिमाचल प्रदेश
कद- 5 फुट 8 इंच
रूपहले पर्दे पर दर्द भरी भूमिकाओं को साकार करने वाली कमसिन अभिनेत्री कंगना रानावत का फिल्मी सफर अब उस स्तर पर पहुंच चुका है जहां उन्हें स्वयं को सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है। वे हिन्दी फिल्मों की मुख्यधारा की अभिनेत्रियों में अपना स्थान सुरक्षित कर चुकी हैं।
उत्तराखंड के मनोरम शहर मनाली के मध्यम वर्गीय परिवार में पली-बढ़ी कंगना को बचपन से ही हिन्दी फिल्मों की चकाचौंध आकर्षित करती थी। उन्नीस वर्ष की उम्र में ही कंगना ने फिल्मों में अभिनय के प्रति अपनी रूचि से प्रेरित होकर पहले दिल्ली और फिर, मुंबई का रूख कर लिया। दिल्ली के अस्मिता ग्रुप ऑफ थिएटर से वे एक वर्ष तक जुड़ी रहीं। उन्होंने सुप्रसिद्ध रंगमंच निर्देशक अरविंद गौड़ से अभिनय की बारीकियां सीखी। अपनी अभिनय-प्रतिभा निखारने के बाद कंगना मुंबई आयीं और यहां उन्होंने संघर्ष प्रारंभ किया। धीरे-धीरे उनकी लगन रंग लाने लगी। भट्ट कैंप ने कंगना की अभिनय-प्रतिभा पर विश्वास किया और उन्हें गैंग्स्टर में नायिका सिमरन की भूमिका निभाने का अवसर मिल गया। पहली ही फिल्म गैंग्स्टर में कंगना के अभिनय और आकर्षण ने दर्शकों को अपने मोह-पाश में बांध लिया। गैंग्स्टर के बाद कंगना के अभिनय ने वो लम्हे में पुन: नयी ऊंचाइयां छूयी। इन दोनों ही फिल्मों में कंगना में दर्द की मल्लिका मीना कुमारी की छवि को दर्शकों ने महसूस किया। बेहतरीन अभिनय के साथ-साथ परिधान और हाव-भाव के मामले में कंगना का बिंदास अंदाज युवा दर्शकों को भी आकर्षित करने लगा। देखते-ही-देखते कंगना मुख्य धारा की अभिनेत्रियों की सूची में शूमार हो गयीं। तीसरी फिल्म शकलक बूम बूम से कंगना ने अपनी छवि में परिवर्तन करना प्रारंभ किया। इस फिल्म में वे हल्की-फुल्की भूमिका में दिखीं। हालांकि,इस फिल्म में कंगना दर्शकों को प्रभावित नहीं कर पायीं। लाइफ इन ए मेट्रो में एक बार फिर कंगना ने अपने संजीदा अभिनय से दर्शकों का ध्यानाकर्षण किया। लाइफ इन ए मेट्रो में रूपहले पर्दे के कई जगमगाते सितारों के बीच कंगना का अभिनय सबसे अधिक प्रभावी रहा। धीरे-धीरे कंगना के प्रशंसकों की संख्या में वृद्धि होने लगी। निर्माता-निर्देशकों ने भी उन्हें गंभीरता से लेना शुरू किया। इस बीच कंगना ने दक्षिण भारतीय फिल्मों का भी रूख किया। उन्होंने एक तमिल फिल्म धाम-धूम में अभिनय किया और दक्षिण भारतीय दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनायी। कंगना की प्रतिभा से प्रभावित होकर सम्मानित निर्देशक मधुर भंडाकर ने अपनी महत्वाकांक्षी फिल्म फैशन में शोनाली गुजराल की चुनौतीपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर उन्हें दिया। मधुर भंडारकर की उम्मीदों पर कंगना खरी उतरीं। पिछले वर्ष प्रदर्शित फैशन में कंगना के भावपूर्ण अभिनय ने नयी ऊंचाइयां छूयीं। प्रियंका चोपड़ा जैसी सफल अदाकारा की मौजूदगी में भी कंगना का अभिनय चर्चा का विषय बना रहा। कं गना की पिछली प्रदर्शित फिल्म राज 2 थी। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल की जिसका श्रेय कंगना के अभिनय और आकर्षण को जाता है। इन दिनों कंगना स्वयं को बहुमुखी प्रतिभा संपन्न अभिनेत्री के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रही हैं। आने वाले दिनों में जहां वे काइट्स जैसी नृत्य आधारित फिल्म में दिखेंगी, तो हास्य-रस से भरपूर नो प्रॉब्लम में वे अपनी कॉमिक टाइमिंग का भी परिचय देंगी।
पारंपरिक अभिनेत्रियों से जुदा छवि के कारण कंगना हमेशा चर्चा में रही हैं। उनका बिंदास व्यक्तित्व और निजी जीवन भी अखबारों की सुर्खियां बनता रहा है। कभी, आदित्य पंचोली के साथ उनके कड़वे रिश्ते की दास्तां सुर्खियों में रही, तो कभी अध्ययन सुमन के साथ प्रेम-प्रसंग की खबरें। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों ही कंगना ने अध्ययन सुमन के साथ अपने मधुर रिश्ते के अंत की घोषणा कर दी है। दरअसल, इस समय कंगना के लिए उनका फिल्मी कैरियर सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि उन्होंने अध्ययन के साथ अपने रिश्ते को विराम देना बेहतर समझा।
गैरफिल्मी पृष्ठभूमि की कंगना चार वर्षो के अंतराल में ही शीर्ष अभिनेत्रियों की सूची में दस्तकदेने लगी हैं। यह सब उनकी प्रतिभा और लगन के कारण संभव हो पाया है। उम्मीद है, आने वाले कई वर्षो तक कंगना हिन्दी फिल्मों में अपनी आकर्षक उपस्थिति दर्ज कराती रहेंगी और अभिनय-कला में नयी ऊंचाइयां छूती रहेंगी।
कैरियर की मुख्य फिल्में
वर्ष-फिल्म-चरित्र
2006- गैंग्स्टर- सिमरन
2006- वो लम्हें- सना अजीम
2007- शक लक बूम बूम- रूही
2007- लाइफ इन ए मेट्रो- नेहा
2008- धाम- धूम(तमिल)- शेनबा
2008- फैशन- शोनाली गुजराल
2008- राज- द मिस्ट्री कंटीन्यूज- नंदिता
आने वाली फिल्में- काइट्स,वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई, नो प्रॉब्लम।
-सौम्या अपराजिता