एजेंसी | दिल्ली में भारी बारिश और बाढ़ के बाद अब डेंगू के बढ़ते खतरे को देखते हुए शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार ने अहम बुलाई है. यह बैठक दोपहर 12 बजे दिल्ली सचिवालय में होगी. बैठक में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज, दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय और वरिष्ठ नौकरशाह शामिल होंगे. दिल्ली सरकार ने यह बैठक मानसून सीज में डेंगू के मरीजों में कई गुना बढ़ोतरी को देखते हुए बुलाई है. ताकि समय रहते डेंगू नियंत्रण को लेकर जरूरी कदम उठाए जा सकें.
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का इस बारे में कहना है कि डेंगू के मरीज काफी संख्या में सामने आ रहे हैं. डेंगू पॉजिटिव के अधिकांश केस टाइप-2 स्ट्रेन के हैं. डेंगू वायरस टाइप-2 स्ट्रेन को सबसे गंभीर माना जाता है. इससे पीड़ित व्यक्ति को खूनी बुखार और मौत होने की संभावना ज्यादा होती है. फिलहाल, डेंगू के सामने आये मरीजों पर काबू पा लिया गया है. बता दें कि अभी तक दिल्ली में डेंगू से किसी की मौत नहीं हुई है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि डेंगू, मलेरिया व अन्य मौसमी बीमारियों पर काबू पाने के लिए फॉगिंग और मच्छरों की निगरानी और नियंत्रण जैसे उपायों पर अमल कर रहे हैं. मैक्स हॉस्पिटल साकेत के इंटरनल मेडिसिन के निदेशक डॉ. रोमेल टिक्कू के मुताबिक DENV 2 डेंगू शॉक सिंड्रोम का कारण बन सकता है. यह मल्टी ऑर्गन फेल्योर का कारण भी बन सकता है. इससे बचने के लिए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. अगर आप DENV टाइप-2 से पीड़ित हैं तो मल्टी ऑर्गन फेल्योर का खतरा अधिक होता है.
डॉ. टिक्कू ने कहा कि अगर किसी को बुखार है तो शुरुआती जांच सबसे महत्वपूर्ण है. उन्होंने निवासियों को सभी सावधानियां बरतने की सलाह देते हुए कहा कि मच्छरों के काटने से खुद को बचाने के लिए पतलून, लंबी बाजू के कपड़े पहनें और मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं. यदि कोई डेंगू से पीड़ित है तो पर्याप्त पानी का सेवन भी जरूरी है.