लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश सरकार के निर्णय को आयोग ने भी मंजूर दे दी है। जिसमें यह कहा गया था कि चुनाव ड्युटी से शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को शामिल नहीं किया जाए। इन्हें तीसरे चरण के बाद के लिए रिजर्व रखने के निर्देश चुनाव आयोग ने दिए हैं। हालांकि, शिक्षक संघ इस आदेश पर खुश नहीं है।
राज्य सरकार के निर्णय को मंजूरी देते हुए चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दूसरी या तीसरी श्रेणी में रखा जाए। जरूरत पड़ने पर ही उनकी ड्यूटी लगाई जाएगी। हालांकि, चुनाव आयोग की ओर से दी गई इस राहत को शिक्षक संगठनों में विरोध के तौर पर लिया जा रहा है।
शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने मीडिया से कहा है कि चुनाव में प्रदेश की योगी सरकार को इस बात का डर है कि कहीं शिक्षामित्र, अनुदेशक और आंगनवाड़ी कार्यकत्री एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ वोट न दे दें। इसीलिए उन्हें राहत देने के लिए योगी सरकार ने निर्णय लिया था। मंगलवार को इसी आदेश पर चुनाव आयोग ने अपनी मंजूरी दी है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से जिला निर्वाचन अधिकारियों को भेजे गए आदेश से कुछ परेशानी बढ़ सकती है। आयोग के आदेश के बाद मतदान के लिए गठित मतदान दल की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। ऐसे में अब इस आदेश के बाद और समस्या खड़ी हो सकती है।