लखनऊ,NOI।‘साफ-साफ शब्दों में मैं आपसे बता दे रहा हूं कि यदि तुम इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराओगे तो तुम्हारे बच्चों को कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ेंगे। बाकि आप खुद ही प्रफेसर हो समझ सकते हो कि बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना है या मुल्जिमों की तरह कोर्ट के चक्कर लगवाने हैं।’ ये कहना है इंस्पेक्टर जानकीपुरम सतीश सिन्हा का, जो बदमाशों से मोर्चा लेने वाले बहादुर बच्चों के पिता को समझा रहे थे।
जानकीपुरम थाना क्षेत्र के जानकी गार्डन निवासी व प्रफेसर आइजेक विलियम व उनकी पत्नी अनामिका शनिवार को कॉलेज गए हुए थे। घर पर उनके दोनों बच्चे साक्षी (13) व डैनी (9) थे। घर के बाहर से ताला लगा था। तभी तीन बदमाश ताला तोड़कर घर के अंदर घुस गए। अंदर घुसने पर साक्षी और डैनी ने बदमाशों से मोर्चा ले लिया था। इतना ही नहीं हिम्मत जुटाते हुए साक्षी मोबाइल से पिता को कॉल करने का प्रयास करते हुए घर के बाहर भाग कर शोर मचाने लगी थी। पकड़े जाने के डर से बदमाशों ने साक्षी की पिटाई कर मोबाइल छीन लिया और भाग निकले थे।
उक्त प्रकरण में पीड़ित आइजेक विलियम ने पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। इंस्पेक्टर पर आरोप है कि देर शाम तक वह मामले की लीपा-पोती में जुटे रहे। लिहाजा देर रात मामला मीडिया के संज्ञान में आने के बाद अधिकारियों की फटकार पर इंस्पेक्टर ने मौके पर जाकर मुआयना किया। पीड़ित का आरोप है कि रविवार को थाने जाने पर इंस्पेक्टर ने कहा कि यदि एफआईआर लिखी जाएगी तो बच्चों को कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ेंगे।
मोबाइल टूटने की ली तहरीर
पीड़ित ने बताया कि इंस्पेक्टर की दलील पर वह डर गए। उन्होंने बदमाशों द्वारा मोबाइल का गलत इस्तेमाल होने की आशंका जताई। लिहाजा इंस्पेक्टर ने कहा कि एक तहरीर लिख कर दो कि बेटी से मोबाइल गिर कर टूट गया जिसके कारण उसमें पड़ा सिम खो गया है। मजबूरी में पीड़ित को ऐसी ही तहरीर देनी पड़ी।
दहशत में बच्चे सारा दिन रहे गुमसुम
आइजेक विलियम ने बताया कि घटना के बाद दोनों बच्चे दहशत में है। रविवार को भी वह सारा दिन गुमशुम रहे। अखबारों में छपी खबर को पढ़कर कई शुभचिंतकों का सारा दिन घर आना जाना रहा, लेकिन बच्चों ने किसी से बात नहीं की। काफी प्रयास करने पर वह रोने लगते थे। पीड़ित के मुताबिक बच्चे अब इस घर में रहने को तैयार नहीं है। वह नानी के घर या फिर कहीं दूसरी जगह रहने की जिद कर रहे हैं।
दूसरी ओर जानकीपुरम थाने के इंस्पेक्टर सतीश सिन्हा ने कहा, ‘पीड़ित कोई कार्रवाई नहीं चाहते थे। उनका सिर्फ इतना कहना था कि ऐसी कार्रवाई हो जाए कि उन्हें सिम मिल सके, इसीलिए उनसे सिम खोने की तहरीर ली गई है। कुछ लोग बेकार में मामले को तूल दे रहे हैं।’