नई दिल्ली, एजेंसी । देश के दो बड़े टेलिकॉम ऑपरेटर वोडाफोन और आइडिया के बीच विलय की घोषणा कर दी गई है। इस घोषणा के बाद भारत में नंबर वन कंपनी बन गई है। बता दें कि करीब आठ महीने तक चली लंबी बातचीत के बाद वोडाफोन और आदित्य बिड़ला समूह की आइडिया सेल्युलर का विलय हो पाया। बताया जा रहा है कि वोडाफोन कंबाइन्ड इनटाइटी का 45% अपने पास रखेगी वहीं, आइडिया के पास इसकी 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। आगे जाकर आदित्य बिड़ला ग्रुप और वोडाफोन का हिस्सा बराबर हो जाएगा। अभी भारती एयरटेल देश की सबसे बड़ी कंपनी है।
मर्जर के बाद कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि मैं नई कंपनी का चेयरमैन बनकर खुश और सम्मानित महसूस कर रहा हूं। विलय के बाद कंपनियों ने कहा कि 3जी और 4जी नेटवर्क पूरे देश में जाल की तरह फैलाया जाएगा। विलय के बाद इस कंपनी के पास 40 करोड़ ग्राहक होंगे, जो कि भारत में तीन ग्राहकों में से एक इस कंपनी के ग्राहक होंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि देश में तीन लाख से ज्यादा लोग टेलिकॉम इंडस्ट्री में नौकरी करते हैं, लेकिन अगले 18 महीने की मर्जर प्रक्रिया के दौरान टेलिकॉम इंडस्ट्री से 10,000 से 25,000 लोगों की नौकरी पर तलवार लटक रही है।
वोडाफोन पिछले दो दशकों से भारत में मौजूद है और एक दशक से नेशनल ऑपरेटर है। वोडाफोन इंडिया में इसकी मूल कंपनी ने सितंबर 2016 में 47700 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जिसका ज्यादातर हिस्सा 81500 करोड़ रुपये के ऋण की अदायगी में गया था। सिंतबर 2016 तक कंपनी के पास 20 करोड़ ग्राहक थे।
इसके बावजूद भी कंपनी को घाटा हो रहा था। इस घाटे के चलते वोडाफोन की भारतीय इकाई के वैल्यूएशन में 500 करोड़ यूरो की कमी की गई थी। वोडाफोन 2010 से आईपीओ लाने की बात कर रही है, लेकिन इसको अभी तक मार्केट में नहीं लाया गया।