लखनऊ। भारत के सबसे प्रतिष्ठित सलोन ब्रांड में से एक नैचुरल्स ने एसिड अटैक सर्वाइवर्स की संस्था छांव फाउंडेशन के साथ एक करार किया और घोषणा की। देशभर में हो रही एसिड अटैक की सर्वाइवर्स को हर संभव मदद की जाएगी।
लखनऊ के होटल रेनैंसा में इस विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक भी बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। शीरोज हैंगआउट कैफे पर कार्यरत एसिड अटैक सर्वाइवर्स, नैचुरल्स के संस्थापक सी.के. कुमार और छांव फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक आलोक दीक्षित ने एक करारनामा पर हस्ताक्षर किए और तय किया कि सर्वाइवर्स को हो रही मुश्किलों के लिये मिल कर समाधान निकालेंगे।
इस करारनामे के तहत नैचुरल्स सलोन एसिड अटैक की स्वाइवर्स को ब्यूटी और मेकअप जैसी रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर आत्म निर्भर बनाएगा। शुरूआत शीरोज हैंगआउट पर काम कर रही पांच सर्वाइवर्स को प्रशिक्षण सहायता और नौकरी देने से की गई है। इस कार्यक्रम में आयोजिका साधना जग्गी, डॉ. गरिमा जग्गी, कर्नल एके जग्गी और कई गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे।
नहीं होगा किसी तरह का भेदभाव
नैचुरल्स के मुखिया सीके कुमार ने घोषणा की कि नैचुरल्स कंपनी एसिड अटैक सर्वाइवर्स के दर्द को समझती है और आश्रस्त करती है कि कंपनी के भीतर एसिड, बर्न और अन्य विकलांगता के सर्वाइवर्स को न केवल बराबरी के अवसर मिलेंगे, बल्कि एक कदम आगे बढ़ते हुए कंपनी इन वर्गों के लिये विशेष आरक्षण लागू करेगी। कुमार अवेल ने कहा कि इस सिविल सोसाइटी के सभी तबकों को साथ आने की जरूरत है जिससे इस तरह के जघन्य अपराधी पर लगाम लगाई जा सके। नैचुरल्स जल्द ही देश भर के अपने 750 से भी ज्यादा सलोन में इस योजना को लागू करेगा।
एसिड अटैक सर्वाइवर्स को मिली नौकरी
बैठक में एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने अपनी समस्याएं रखते हुए बताया कि अटैक के बाद चेहरे बुरी तरह जल जाने के कारण तमाम बार सर्वाइवर्स को नौकरी और काम मिलने में समस्याएं आती हैं। अक्सर उनकी योग्यता को अनदेखा कर उनके चेहरों को देखते हुए काम नहीं मिलता है। ब्यूटी इंडस्ट्रीज में तो यह भेदभाव और भी गहरा है और एक सामान्य मान्यता बन गई है कि अगर ऐसी महिलाओं को काम पर रखा तो सलोन पर आने वाले ग्राहकों को यह पसंद नहीं आएगा।
लेकिन इस मिथक को लखनऊ के गोमतीनगर स्थित शीरोज हैंगआउट ने पूरी तरह तोड़ दिया है। जहां न केवल रोजमर्रा के अतिथि खाना खाने और अन्य कार्यक्रमों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं बल्कि समाज के अग्रणी लोग भी शीरोज पहुँचकर महिलाओं का मनोबल बढ़ाते रहते हैं। नैचुरल्स ने घोषणा की कि उनका सलोन भी एसिड अटैक सर्वाइवर्स की इस मुहिम में उनके साथ है और भरोसा दिलाया कि उनके सलोन पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में एसिड सर्वाइवर्स को रोजगार दिया जाएगा।
नैचुरल्स देश भर में 750 से भी ज्यादा सलोन और ट्रेनिंग सेंटर संचालित करता है और हाल ही में लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके में एक नया सलोन खोला गया है।
प्रदेश की सरकार एसिड अटैक सर्वाइवर्स की मदद के लिये प्रतिबद्ध
कार्यक्रम में शिरकत करने पहुँचे प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने व्यक्तिगत तौर पर शीरोज की लड़कियों से मुलाकात कर उनकी आपबीती सुनी। साथ ही उन्होंने शीरोज हैंगआउट द्वारा एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिये चलाए जा रहे कार्यक्रमों की सराहना की। एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने सरकार से पुनर्वास योजनाओं को बेहतर करने, मुआवजा बढ़ाने और अपराधियों को जमानत न देने की मांग उप मुख्यमंत्री से की जिस पर उन्होंने सकारात्मक आश्वासन दिया है।
यूपी में हैं सबसे ज्यादा एसिड अटैक के मामले
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार, पिछले कई सालों से उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में एसिड अटैक के सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए हैं। साल 2020 में उत्तर प्रदेश में एसिड अटैक के 30 मामले रिपोर्ट हुए जबकि 2019 में 42 और 2018 में 40 मामले प्रकाश में आए थे। हालांकि पिछले कुछ सालो से उत्तर प्रदेश में इस तरह के मामले कम हुए हैं फिर भी पश्चिम बंगाल के बाद उत्तर प्रदेश एसिड अटैक के मामलो में दूसरे नंबर पर है।
इस विषय पर कुंती, एसिड अटैक सर्वाइवर, शीरोज़ हैंगआउट ने बताया की अटैक के बाद मेंरे लिए इलाज की हमेशा ही चुनौतीपूर्ण रहा है लेकिन उतना ही कठिन था रोजगार ढूंढ पाना। शीरोज़ हैंगआउट पर रोजगार मिलने के बाद मैं न सिर्फ आत्मनिर्भर हो पाई बल्कि अपने परिवार को भी मैंने आर्थिक तौर से मदद की है । शीरोज़ हमें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई तरह के प्रयास करता है जिसमें हमें बहुत सी ट्रेनिंग भी दीं जाती हैं । नैचुरल्स के साथ इस प्रयास में जुड़ने पर मुझे लगता है कि हम सर्वाइवरस नई ट्रेनिंग ले पाएंगे और हमें रोजगार के और भी अवसर मिलेंगे ।
इस कार्यक्रम के दौरान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि शीरोज की लड़कियों ने आज हिम्मत की जो मिसाल पेश की है उसकी सराहना देश में ही नहीं बल्कि समूचे विश्व में हो रही है। प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव कोशिश कर एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिये रोजगार का सृजन किया जाएगा। इस तरह के गंभीर अपराधों के खिलाफ प्रशासन को और ज्यादा सख्ती दिखाने की आवश्यकता है और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि अपराधी सलाखो के पीछे पहुँचाए जाएं।
छाँव फाउंडेशन के संस्थापक आलोक दीक्षित ने कहा कि छाँव फाउंडेशन तेजाब पीड़ित सर्वाइवर्स के पुनर्वास के लिए प्रयासरत है जिसमें रोजगार एवं प्रशिक्षण हमेशा ही एक मुख्य बिन्दु रहा है | आने वाले वर्षों में, हम इन सर्वाइवर्स के सशक्तिकरण को देखेंगे जो निश्चित रूप से एक प्रभाव पैदा करेंगे और यह साबित करेंगे कि “विकलांगता एक अक्षमता नहीं है’। इस तरह की पहल 10 साल के प्रयासों का लाभ है और उम्मीद है कि हम और अधिक सवईवर्स को रोजगार प्रदान करने में सक्षम होंगे।
नैचुरल्स के संस्थापक सीके कुमार अनवेल ने कहा कि ‘इंसान को एक मछली दो उसे एक दिन खिलाने में मदद करो, इंसान को मछली पकड़ना सिखाओ, उसे जीवन
भर खिलाओ”। हम यही मानते हैं, इस पहल के साथ हम इन सर्वाइवर्स के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।