भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन मैचों की सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच आज से जोहांसबर्ग के वांडरर्स मैदान पर खेला जाना है। पहले दो टेस्ट गंवाकर टीम इंडिया सीरीज पहले ही गंवा चुकी है, ऐसे में तीसरा टेस्ट भारत के लिए किसी सम्मान की लड़ाई से कम नहीं होगा। इस बीच जोहांसबर्ग से भारत के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड जुड़ा है जो भारतीय क्रिकेट फैन्स को थोड़ी खुशी दे सकता है।
केपटाउन और सेंचुरियन टेस्ट में हार से निराश टीम इंडिया के लिए ये रिकॉर्ड किसी खुशखबरी से कम नहीं है। दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर जो भी टीम आई है वो इस मैदान पर कभी ना कभी हारी है, लेकिन टीम इंडिया ने इस मैदान पर आज तक कोई टेस्ट नहीं गंवाया है। 1992 से लेकर 2013 के बीच टीम इंडिया ने इस मैदान पर चार टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से तीन ड्रॉ पर छूटे। जबकि एक टेस्ट में टीम इंडिया ने ऐतिहासिक 123 रनों से जीत दर्ज की थी।
25 साल के इतिहास में टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका में कोई सीरीज नहीं जीत सकी है और महज एक बार सीरीज ड्रॉ कराई है। विराट एंड कंपनी से उम्मीद की जा रही थी कि इस बार वो इस रिकॉर्ड में सुधार करेंगे, लेकिन दोनों मैचों में बल्लेबाजों और फील्डरों ने टीम इंडिया को निराश किया।
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पूरी सीरीज में टीम इंडिया की गेंदबाजी मेजबानों के टक्कर की रही है, लेकिन बल्लेबाजी और फील्डिंग के क्षेत्र में भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका से काफी पिछड़ी हुई नजर आई है। जोहांसबर्ग में भारत ने अपना आखिरी टेस्ट 2013 में खेला था। इस मैच में विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा के बल्ले से सेंचुरी निकली थी।
इसके अलावा 1992 में मोहम्मद अजहरुद्दीन, 1997 में सचिन तेंदुलकर, 2006 में राहुल द्रविड़ और 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने जोहांसबर्ग में टेस्ट खेले हैं। द्रविड़ की कप्तानी में टीम ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। एस श्रीसंत ने इस मैच में आठ विकेट झटके थे और मैन ऑफ द मैच चुने गए थे।