नई दिल्ली, एजेंसी । मणिपुर विधानसभा चुनाव की 60 सीटों पर हुए मतदान की गिनती शुरू हो गई है. अभी तक के रुझानों से यह साफ हो रहा है कि राज्य में बीजेपी-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है. इसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है. आपको बता दें कि राज्य में पहले चरण का मतदान 4 मार्च को हुआ था, जबकि दूसरे चरण के लिए 8 मार्च को वोट डाले गए थे. इस बार मणिपुर में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग हुई. दोनों चरणों में 80 फीसदी से ऊपर वोटिंग हुई.
राज्य के मुख्यमंत्री अपना चुनाव जीत गए हैं. मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला चुनाव हार गई हैं. उन्हें NOTA से भी कम वोट मिले हैं.बीजेपी को राज्य में बढ़त मिलती दिख रही है.20 सीटों के रुझान मिले हैं. 8 सीट पर कांग्रेस, 7पर बीजेपी, 2 सीट पर एनपीएफ और 3 सीट पर अन्य का उम्मीदवार आगे.राज्य में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर दिख रही है.
मणिपुर विधानसभा चुनाव में इस बार सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को बीजेपी ने कड़ी चुनौती दी. वहीं, इस बार राज्य में कई छोटे दल भी सत्ता में हिस्सेदार बनने उतरे हैं. मणिपुर में पिछले 15 सालों से कांग्रेस ही सत्ता में है. 2012 में तृणमूल कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी थी. मणिपुर में मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के सामने थीं. सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला पहली बार चुनावी मैदान में हैं.
इस बार बीजेपी और कांग्रेस के अलावा भाकपा, राजद और राकांपा के अलावा लोजपा सहित करीब एक दर्जन क्षेत्रीय पार्टियां मैदान में हैं. चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी की कोशिश यही रही कि वो कांग्रेस के खिलाफ पैदा हुई एंटी इंकंबेंसी का फायदा उठाए. मणिपुर में कुल 60 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें घाटी में हैं. जबकि पहाड़ पर विधानसभा की 20 सीटें हैं. प्रदेश की राजनीति में हमेशा मेतई समुदाय का ही दबदबा रहा है. मणिपुर की करीब 31 लाख जनसंख्या में 63 फीसदी मेतई है. मुख्यमंत्री इबोबी सिंह भी मेतई समुदाय से हैं.
कांग्रेस बचा पाएगी सत्ता?
मणिपुर में एक बार फिर कांग्रेस को बहुमत मिलने के आसार दिख रहे हैं. इंडिया टुडे और एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक, राज्य की 60 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस सर्वाधिक सीट 30-36 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है.इंडिया टुडे के एग्जिट पोल के मुताबिक, राज्य में 16-22 सीटों के साथ बीजेपी दूसरे नंबर पर रहेगी. इस उत्तर पूर्वी राज्य में बीजेपी का यह सबसे बढ़िया प्रदर्शन होगा.
चुनाव आयोग ने की पूरी तैयारी
मणिपुर 12 केंद्रों पर होगी. चुनाव आयोग ने मतगणना के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं और मतगणना कक्ष के भीतर मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं होगी. सामान्य पर्यवेक्षकों के इतर हर मतगणना टेबल पर एक माइक्रो-आब्जर्वर को भी तैनात किया जाएगा. मतगणना केंद्रों के आसपास त्रिस्तरीय सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं. मतगणना केंद्रों के भीतर केवल केंद्रीय बलों की तैनाती की जाएगी. बाहरी क्षेत्र में स्थानीय पुलिस को ड्यूटी पर लगाया जाएगा. मतगणना केंद्रों के भीतर किसी भी अनधिकृत व्यक्ति के प्रवेश को रोकने के लिए अन्य राज्यों के पुलिस बलों की तैनाती की गई है. प्रवेश स्थल पर भीड़ और लोगों के प्रवेश को नियंत्रित करने के लिए एक वरिष्ठ मजिस्ट्रेट को तैनात किया जाएगा. मतगणना केंद्र के 100 मीटर की परिधि में वाहनों को प्रवेश की इजाजत नहीं होगी. स्ट्रांग रूम से मतगणना कक्ष तक ईवीएम को ले जाने की निगरानी के लिए अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.