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Saturday, October 12, 2024

मनीष तिवारी ने दिलाई उग्रवाद के दौर की याद, चन्नी मंत्रिमंडल की आपात बैठक शुरू

पंजाब कांग्रेस के प्रधान पद से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। इस्तीफे के बाद सिद्धू अपने पटियाला स्थित आवास पर हैं और वहां फिलहाल गहमागहमी का माहौल है। वहीं हाईकमान ने सिद्धू का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है और राज्य स्तर पर ही उन्हें मनाने की बात की है। इसी बीच बुधवार सुबह सीएम चरणजीत चन्नी ने कैबिनेट की एक आपातकालीन बैठक बुला ली है। बैठक में सिद्धू को मनाने के लिए रणनीति पर चर्चा होगी।

इस्तीफे के बाद बोले सिद्धू: हमेशा हक की लड़ाई लड़ी, सिर्फ पंजाब की ही चिंता
पंजाब कांग्रेस के प्रधान पद से इस्तीफे के बाद बुधवार को नवजोत सिद्धू ने एक वीडियो जारी कर अपनी बात रखी। सिद्धू ने कहा कि वे हक और सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी किसी के साथ कोई व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता नहीं है। मैं न हाईकमान को गुमराह कर सकता, न गुमराह होने दे सकता हूं। इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ने के लिए, पंजाब के लोगों की जिंदगी को बेहतर करने के लिए मैं किसी भी चीज की कुर्बानी दे दूंगा। इसके लिए मुझे कुछ सोचने की जरूरत नहीं है।

चन्नी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की आपात बैठक शुरू
पंजाब के मुख्यमंत्री चरण जीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की आपात बैठक शुरू हो गई है। बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने के लिए रणनीति पर चर्चा की जा रही है।

सांसद मनीष तिवारी ने पंजाब के राजनीतिक घटनाक्रम पर जताया दुख
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि पंजाब के एक सांसद के रूप में वे पंजाब में होने वाली घटनाओं से बेहद व्यथित हैं। पंजाब में शांति बड़ी मुश्किल से आई है। 25 हजार लोगों ने 1980 से 1995 के बीच उग्रवाद के दौरान पंजाब में शांति वापस लाने के लिए खुद को बलिदान कर दिया। इनमें से ज्यादातर कांग्रेसी थे।

वेणुगोपाल ने कहा- चिंता की कोई बात नहीं
वहीं सिद्धू के पटियाला आवास पर उनके नजदीकी नेता लगातार वहां पहुंच रहे हैं और बैठकों का दौर जारी है। बताया जा रहा है कि सिद्धू को उनके करीबी नेता लगातार मना रहे हैं कि वह अपना इस्तीफा वापस ले लें। इस बीच कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि चिंता की कोई बात नहीं है, सब ठीक हो जाएगा।

सिद्धू पर भड़के बिट्टू
नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस में अब सिद्धू के खिलाफ माहौल बनने लगा है। ज्यादातर कांग्रेस नेताओं ने सिद्धू को उनके इस्तीफे के लिए घेरना शुरू कर दिया है। लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि कुछ लोगों को किरकिरी कराने की आदत होती है। उन्होंने संदेह जताया कि ऐसे लग रहा है कि सिद्धू के इस्तीफे के पीछे किसी पार्टी द्वारा काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस को कोई खतरा नहीं है और रूठने वाले भले ही रूठे रहें, क्योंकि अब कोई उन्हें मनाकर वापस नहीं लाने वाला।

खैरा बोले-सिद्धू की शिकायतें दूर करे हाईकमान
सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि सिद्धू की सलाह को जब पार्टी ने नहीं माना तो उन्हें लगा कि एक निशब्द अध्यक्ष के तौर पर काम करने से क्या फायदा है। इस कारण सिद्धू ने यह कदम उठा लिया लेकिन उनके समेत पार्टी के बाकी सभी नेता सिद्धू के घर उन्हें मनाने पहुंचे। हाईकमान को भी चाहिए कि सिद्धू की जो भी शिकायतें या मसले हैं, उन्हें हल किया जाए। खैरा ने कहा कि सिद्धू एक ऐसा नेता हैं जो भ्रष्टाचार के खिलाफ स्टैंड लेता है। ऐसे नेता को पार्टी को खोना नहीं चाहिए। खैरा ने आगे कहा कि पार्टी में जिन लोगों की वजह से सिद्धू ने यह कदम उठाया है। उन्हें खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए। जिससे पार्टी में चल रहा यह संकट दूर हो सके।

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