28 C
Lucknow
Saturday, December 14, 2024

एक महिला 11 महीने बाद अपने पैरों पर चलीं, वे फिर से चलने की उम्मीद तक खो चुकी थीं

लखनऊ : एक महिला फिर से अपने पैरों पर चल सके, इसके लिए इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली के डॉक्टरों ने उनके दोनों घुटनों की कॉम्प्लेक्स सिक्वेन्शियल सर्जरी की। हरिद्वार से 70 वर्षीय श्रीमति जयावंती राजपूत कई बीमारियों से पीड़ित हैं। वे क्रोनिक हार्ट डिस्ऑर्डर, गंभीर आयोर्टिक स्टेनोसिस (जिसमें हार्ट से जुड़ी रक्त वाहिकाएं संकरी हो जाती हैं), डायबिटीज़, लिवर फंक्शन की कमी आदि से पीड़ित हैं। हाल ही में उनमें पैनक्रियाटिटिस और थॉयराईड की समस्याओं का भी निदान हुआ। पिछले 11 महीनों से उनके घुटनों में ज़बरदस्त दर्द था, अन्य बीमारियों के चलते उनका इलाज करना मुश्किल हो रहा है।
उनके घुटनों का आथ्राइटिस इतना बढ़ गया था कि उन्हें लगातार दर्द हो रहा है और घुटने 50 डिग्री पर मुड़ चुके थे। चूंकि उनकी जटिल हार्ट सर्जरी की जा चुकी है और इसके अलावा वे पैनक्रियाटिटिस के गंभीर लक्षणों से भी पीड़ित हैं, इसलिए वे घुटनों के दर्द के लिए डॉक्टर से परामर्श नहीं ले रहीं थीं।
समय बीतता गया, उनका दर्द असहनीय हो गया, घुटने मुड़ने लगे। धीरे-धीरे उनके लिए चलना तक मुश्किल हो गया और वे पूरी तरह बिस्तर पर आ गईं। उनके घुटने सिकुड़ने लगे और तकरीबन 50 डिग्री पर मुड़ गए। पहले वे खुद चलकर ओपीडी तक जाती थीं लेकिन अब वॉशरूम जाने के लिए भी उन्हें किसी की मदद लेनी पड़ती थी। श्रीमती जयावंती उम्मीद खो चुकी थीं, उन्हें लगता था कि वे अब फिर से चल नहीं सकेंगी।
उनके बारे में बात करते हुए डॉ यश गुलाटी, सीनियर कल्सलटेन्ट, आर्थोपेडिक्स, जॉइन्ट रिप्लेसमेन्ट एण्ड स्पाइन इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली ने कहा, ‘‘श्री जयावंती जो पहले से आर्योटिक स्टेनोसिस एवं कई अन्य बीमारियों जैसे लिवर डीरेंजमेन्ट, पैनक्रियाटिटिस, थॉयराईड एवं डायबिटीज़ से पीड़ित हैं, उनका इलाज इतना आसान नहीं था। उनकी स्थिति को देखते हुए हमने कई दिनों तक उन्हें ऑबज़रवेशन में रखा। उनके सभी हेल्थ पैरामीटर्स सामान्य होने के बाद कम्प्यूटर नेविगेशन टेक्नोलॉजी से उनके घुटनों की सर्जरी की।’’

10 दिनों के अंतर से घुटनों को रिप्लेस किया गया। दोनों बार उन्हें सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक आईसीयू में ही रखा गय। श्रीमती जयावंती पिछले 11 महीनों से बिस्तर पर भीं और उनके घुटने सिकुड़ चुके थे। दोनों घुटने 50 डिग्री पर मुड़ गए थे, वे क्रोनिक आथ्राइटिस की मरीज़ भी थीं। लेकिन हमारे सक्षम डॉक्टरों ने उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का प्रबन्धन किया और बिना किस जटिलता के उनकी सफल सर्जरी की गई।’
एक डॉक्टर के लिए इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता कि उसके मरीज़ को दर्द से आराम मिल जाए। मुझे यह देखकर गर्व होता है कि श्रीमति जयावन्ती अब फिर से अपने पैरों पर चल सकती हैं। एक डॉक्टर होने के नाते मुझे खुशी है कि अब वे अपने पैरों पर चल कर घर जा सकती हैं, जो पिछले 11 महीनों से बिस्तर पर थीं और व्हीलचेयर पर अस्पताल आई थीं। उन्होंने 11 महीनों के बाद ज़मीन छुई है।’
वे अब पूरी तरह से ठीक हैं, तेज़ी से रिकवर कर रही हैं। कुछ महीनों तक उन्हें फिज़ियोथेरेपी दी जाएगी। साथ ही तकरीबन तीन महीने बाद आयोर्टिक स्टेनोसिस का इलाज भी किया जाएगा।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें